Thursday, April 25, 2024

“गैर मुस्लिम दुश्मन है” कनाडा के मौलाना युनूस कथरादा का बयान निंदनीय, इस्लामिक विद्वानों को इसकी भतर्सना करनी चाहिए

डॉक्टर सगीर अहमद (एमबीबीएस, एमडी)। आज कल इंटरनेट, मेनस्ट्रीम मीडिया और सोशल मीडिया पर कनाडा के एक मौलाना की तकरीर काफी सुर्खियों में है। मौलाना की तकरीर सकारात्मक रूप में नहीं बल्कि नकारात्मक रूप में सुर्खियां बटोर रही हैं, वहीं दुनिया भर में फैले अमन पसंद लोग इस तकरीर को सुनकर मौलाना की नकारात्मक भावनाओं और इस्लाम को बदनाम करने की अभद्र तकरीर को लेकर कड़ी निन्दा कर रहे हैं।
कनाडा के एक मौलवी जिनका नाम शैख यूनुस कथराडा है, उन्होंने सभी ग़ैर मुस्लिमों को मुसलमानों का दुश्मन करार दिया है। अमेरिका के मीडिल ईस्ट मीडिया रिसर्च इंस्टीट्यूट ने हाल ही में मौलाना युनूस कथरादा का एक वीडियो ट्विटर पर शेयर किया। इसमें वह कहते नजर आ रहे हैं कि गैर-मुस्लिम हमारे दुश्मन हैं, हमारे बच्चों को यह समझना चाहिए, ‘अल्लाह नास्तिकों का सर्वनाश करे’।

कनाडा के इमाम शैख युनूस कथरादा के भाषण का मुख्य अंश:
कथराडा ने वीडियो में कहा, ‘वे (गैर-मुस्लिम) इस्लाम पर झूठे आरोप लगाते हैं क्योंकि वे अल्लाह के दुश्मन हैं। जब वे अल्लाह का अपमान करते हैं तब वह अल्लाह के दुश्मन कैसे नहीं हैं? अल्लाह ने कुरान में अपने बारे में कहा है, ‘न उसका जन्म हुआ है, न ही उसे पैदा किया गया है। उसके बच्चे नहीं हैं और न ही वह किसी की औलाद है। लेकिन वे (ईसाई) क्या कहते है? वे कहते हैं कि अल्लाह का एक बेटा है। क्या यह अल्लाह के प्रति अपमान को नहीं दिखाता?’
इमाम ने आगे कहा, ‘आपको क्या लगता है वे आपके दोस्त हैं? नहीं, वे अल्लाह के दुश्मन हैं। तो अगर वे अल्लाह के दुश्मन हैं तो वे आपके करीबी दोस्त कैसे हो सकते हैं? मैं चाहता हूं कि हमारे बच्चे इस बात को अच्छी तरह समझ लें। गैर-मुस्लिम अल्लाह के दुश्मन हैं इसलिए वे आपके भी दुश्मन हैं। उनमें से कुछ लोग तो अल्लाह के अस्तित्व पर ही विश्वास नहीं करते। क्या आप ऐसे किसी शख्स को अपना करीबी दोस्त बनाना चाहते हैं?’

कनाडियन ईमाम मौलाना यूनुस की तकरीर का वीडियो भी ट्विटर एवं अन्य सोशल प्लेटफॉर्म पर मौजूद है।

मौलाना की इस तकरीर की जितनी भी निंदा की जाए कम है। क्योंकि उनकी तकरीर अमन पसंद समाज के लिए घातक है, वही इस्लाम के दृष्टिकोण से भी उनकी तकरीर निंदनीय है। इस्लाम कभी भी गैर मुस्लिमों से नफरत करना नहीं सिखाता।

मौलाना ने अपनी तकरीर में सभी गैर मुस्लिमों को मुसलमानों का दुश्मन कहा है जबकि इस्लाम कहता है कि दुनिया के समस्त मानव का पैदा करने वाला अल्लाह ही है। ऐसे में गौर करने वाली बात है कि जिस अल्लाह ने मुसलमान या गैर मुसलमान सभी को पैदा किया तो वही अल्लाह मुसलमानों को गैर मुस्लिमों का दुश्मन बनने या गैर मुस्लिमों को अपना दुश्मन समझने की बात क्यों कहेगा?

क्या कुरान में कहीं भी अल्लाह ने यह कहा है कि गैर मुस्लिम मुसलमानों के दुश्मन हैं, नहीं! बिल्कुल नहीं!
बल्कि कुरान ने यह शिक्षा दिया है कि धरती पर मौजूद सभी इंसानों को एक दूसरे से प्रेम का जज्बा रखना चाहिए।

वही इस बात पर भी गौर करना होगा कि अल्लाह के अंतिम पैगंबर और रसूल मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने पूरी जिंदगी गैर मुस्लिमों का ख्याल रखा, उनके प्रति आदर और सम्मान रखा, और अपने साथियों से भी कहा कि तुम पर अपने गैर मुस्लिम पड़ोसियों के अधिकार हैं जिनका पूरा करना तुम्हारे लिए अनिवार्य है।

जब अल्लाह और उसके रसूल ने गैर मुस्लिमों से किसी प्रकार के भेदभाव की शिक्षा नहीं दी तो एक मामूली से मौलवी को किसने अधिकार दे दिया कि मुस्लिम कौम के बच्चों को यह शिक्षा दें कि गैर मुस्लिम मुसलमानों के दुश्मन हैं।

कनाडा के इस मौलाना यूनुस कथरादा को सोचना चाहिए कि इस्लाम दोस्ती का पैगाम देता है, इस्लाम दिलों की दूरियां मिटाता है, इस्लाम मोहब्बत और भाईचारे का पैगाम देता है। लेकिन अफसोस कि मौलाना ने इस्लाम की शिक्षा के विपरीत अपनी कट्टरपंथी सोच को दर्शाया है। जिसकी जितनी भी निंदा की जाए कम है।

आज पूरी दुनिया में कुछ ऐसे ही गिने-चुने मौलवी हैं जिनकी घटिया सोच के कारण मुसलमानों को अपमान सहना पड़ रहा है।

और सबसे बड़ी बात कि मौलाना यूनुस जिस गैर मुस्लिम को निशाना बनाते हुए मुसलमानों का दुश्मन बता रहे हैं वह ईसाई धर्म के लोग हैं, और इस्लाम में यह बात कही गई है कि अहले किताब यानी यहूदियों और ईसाइयों से मुसलमान शादियां कर सकते हैं। जब अल्लाह यहूदियों और ईसाइयों को (जिनको उक्त मौलाना ने निशाना बनाया है) मुसलमानों का दुश्मन समझता तो ऐसे लोगों से मुसलमानों को रिश्ता करने की इजाजत क्यों देता। इस्लामिक दृष्टिकोण से यहूदी और ईसाई मुसलमानों के दुश्मन नहीं, दोस्त हैं।

इस्लामिक विद्वानों को चाहिए कि ऐसे मौलानाओं के भाषणों और तकरीरों की खुले मंच से निंदा करें, और इस तरह की बेहूदा भाषण और तकरीरों से उन्हें रोकने के लिए उचित कदम उठाएं। ताकि आए दिन इस्लाम की शिक्षा की गलत व्याख्या करके कोई मौलवी सभी मुसलमानों को अपमानित न कर सके।

विदित हो कि कनाडा के इमाम यूनुस कथरादा पूर्व में भी इस्लाम की आड़ में विवादित बयान देते रहे हैं। कनाडा के मुसलमानों को विशेष रूप में इस मौलाना के विरुद्ध उचित कार्रवाई करनी चाहिए।

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