तिरहुत डेस्क (नई दिल्ली)। जाति आधारित गणना और सामाजिक-आर्थिक सर्वे के आंकड़ों को लेकर गुरुवार को भाकपा (माले) ने ‘बदलाव के संकल्प’ के साथ राज्यस्तरीय कार्यकर्ता कन्वेंशन का आयोजन किया।
कन्वेंशन को संबोधित करते हुए पार्टी महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा कि हाल में संपन्न विधानसभा चुनावों में भाजपा की जीत ने 2024 के नतीजे उसके पक्ष में तय नहीं कर दिए हैं, लेकिन इससे उचित सबक लेने की जरूरत है। अगर हम ऐसा करते हैं तो 2024 में भाजपा को सत्ता से बेदखल करना पूरी तरह संभव है।
उन्होंने कहा कि 2024 में निर्णायक जीत के लिए आज के ज्वलंत मुद्दों पर एक सशक्त जन अभियान शुरू करने की जरूरत है। भट्टाचार्य ने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव में पूरे देश की नजर बिहार पर है। बिहार में भाजपा के खिलाफ एक बड़ा गठबंधन है, यदि महागठबंधन सरकार सही रास्ते पर चले और संघर्ष के मुद्दों पर केंद्रित हो, तो भाजपा की हार निश्चित है।
उन्होंने कहा कि बिहार का सामाजिक-आर्थिक सर्वे सरकारों की विफलता के आंकड़े हैं। लंबे समय से बिहार में ‘डबल इंजन’ की ही सरकार थी। यह सर्वे किसानों की आय दुगनी करने और हर गरीब को पक्का मकान देने के मोदी सरकार के वादे की भी पोल खोल रहा है। गरीब परिवारों के लिए वित्तीय सहायता, वंचितों के आरक्षण का विस्तार व बिहार को विशेष राज्य का दर्जा की मांग का स्वागत है, लेकिन लोगों की स्थायी आमदनी बढ़ाने के उपाय ढूंढने चाहिए।
उन्होंने कहा कि गरीबी की भयावहता से राज्य को उबारने के लिए विशेषज्ञों की एक कमेटी बने और एक संपूर्ण कार्ययोजना बनाई जाए। इस मौके पर एक बुकलेट का भी लोकार्पण किया गया।