Monday, April 29, 2024

विपक्षी एकजुटता के लिए नेताओं का पटना में लगा जमावड़ा, रंग लाया नीतीश कुमार का प्रयास

(अब्दुल मोबीन)
2024 लोक सभा चुनाव के मद्दे नज़र बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पूरे देश से भाजपा के विपक्षी नेताओं को एक जुट करने का प्रयास कर रहे थे। नीतीश कुमार ने अलग अलग समय में विभिन्न राज्यों के भाजपा के विपक्षी नेताओं से मुलाकात भी कर चुके हैं। इस मुलाकात के दौरान कुछ लोग विपक्षी एकता के भरपूर समर्थन में दिखे तो कुछ ने साधारण रुचि जताई कुछ ने अपना कोई मंतव्य ही जाहिर नहीं किया। जिसे लेकर नीतीश कुमार खुद तो चिंतित दिखे ही साथ ही भाजपा ने भी समय समय पर नीतीश के प्रयासों पर तंज कसा। लेकिन बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश ने हार नहीं मानी और लगातार प्रयासरत रहे। और आखिर आज वह दिन आ ही गया कि 23 जून को पटना में देश के अधिकांश विपक्षी नेताओं का जमावड़ा हो रहा है।

23 जून को पटना में देश कि दूसरी बड़ी पार्टी कांग्रेस के प्रतिनिधि के तौर पर राहुल गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिका अर्जुन खड़गे, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, पीडीपी सुप्रीमो और जम्मू कश्मीर की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती, बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन, यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, भाकपा माले के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य, सांसद संजय सिंह, राघव चड्डा समेत विपक्षी दलों के कई नेता पटना पहुंच चुके हैं।

पटना पहुंचे विपक्षी दलों के नेताओं का मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उप मुख्मंत्री तेजस्वी यादव, पूर्व सीएम राबड़ी देवी, और राजद सुप्रीमो लालू यादव ने जोरदार स्वागत किया है।

अब सवाल यह उठता है कि क्या विपक्षी दलों के एकजुटता की यह बैठक नीतीश कुमार के प्रयासों को सार्थक बनाएगी, क्या इस बैठक में यह बात तय हो पाएगी कि देश के सभी विपक्षी दल भाजपा के विरुद्ध एकजुट होकर आगामी लोकसभा चुनाव में मजबूती से खड़े रहेंगे। और क्या इस एकजुटता की अगुआई के लिए किसी एक व्यक्ति या दल पर सहमति बन पाएगी। इन सब प्रश्नों का एक नीतीश कुमार की जुबान में एक ही जवाब है।
मैं अकेला ही चला था जनीबे मंजिल मगर
लोग साथ आते गए और कारवां बनता गया

क्यूंकि आज से पहले भाजपा नेताओं का यही तंज था कि विपक्षी दलों के एकजुटता की बैठक हो ही नहीं सकती है लेकिन आज इस बैठक के लिए अधिकांश विपक्षी दलों के नेता पटना पहुंच चुके हैं और बैठक होने को तैयार है। मजबूत संभावना यह है कि विपक्षी एकजुटता के कवायद पर मुहर लग जाए। बस कुछ ही घंटो का इंतजार है।

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