Tuesday, May 14, 2024

महागठबंधन ने रैली के जरिए एकजुटता की बस रस्म निभाई, लालू के परिवारवाद पर फिर उठे सवाल

तिरहुत डेस्क (नई दिल्ली)। बिहार की राजधानी पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में विपक्षी दलों के महागठबंधन की ‘जन विश्वास रैली’ के जरिए घटक दलों ने एकजुट होने का संदेश देने की कोशिश की।

महागठबंधन के घटक दलों के नेताओं ने रैली में भाग लेकर इस संदेश को देने की भले ही रस्म अदायगी की, लेकिन, राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने जिस तरह से अपने दोनों पुत्रों का हाथ उठाकर परिचय करवाया और मंच पर उनके परिवार के छह सदस्य उपस्थित थे, उस पर अब सवाल उठाए जाने लगे हैं।

दरअसल, जन विश्वास रैली में एक ही मंच पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे, समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव, वामपंथी दलों के दीपांकर भट्टाचार्य, डी. राजा उपस्थित होकर लोगों को यह संदेश देने की कोशिश करते दिखे कि जदयू के महागठबंधन से निकलने के बाद भी गठबंधन एकजुट है। लेकिन, इस मंच पर राजद के प्रमुख लालू प्रसाद यादव के परिवार के सदस्यों की उपस्थिति को लेकर सबसे अधिक चर्चा हो रही है।

इस मंच पर लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, उनके दोनों पुत्र तेजप्रताप यादव और तेजस्वी यादव तथा पुत्री मीसा भारती तो उपस्थित थे ही, उनकी छोटी पुत्री रोहिणी आचार्य इस रैली के जरिए राजनीतिक पारी की शुरुआत करती दिखीं।

लालू यादव ने मंच से अपनी बेटी डॉ. रोहिणी आचार्य का परिचय भी लोगों से कराया। लालू यादव ने बताया कि इसी बेटी की किडनी पर वे आज जीवित हैं, उन्हें जीवनदान मिला है। उन्होंने अपनी बड़ी बेटी डॉ. मीसा भारती की भी प्रशंसा की। इस दौरान लालू ने तेजस्वी और तेज प्रताप को भी खड़ा करवाया और दोनों का हाथ पकड़े कहा कि तेजस्वी हमसे भी ज्यादा मेहनत कर रहा है।

जदयू के प्रवक्ता नीरज कुमार ने सोमवार को कहा कि महागठबंधन की 10 लाख की रैली फर्जी निकली। रैली में लालू यादव अपने पुत्रों की एकजुटता दिखाने का प्रयास कर रहे थे। राष्ट्रीय जनता दल ने अपने मूल चरित्र में बदलाव लाने की कोशिश तो की, लेकिन ये बदलने वाला कहां है? लालू यादव महागठबंधन के नेताओं के बीच एकजुटता दिखाने की बजाय पुत्रों की एकजुटता दिखाने का प्रयास कर रहे थे। परिवार के सदस्यों का नाम लेकर परिचय करा रहे थे, यही परिवारवाद है।

भाजपा के प्रवक्ता राकेश सिंह कहते हैं कि यह रैली मात्र लालू प्रसाद का शो बनकर रह गई। लालू प्रसाद यादव अपने परिवार के लोगों को आगे बढ़ाने के लिए व्यग्र हैं और महागठबंधन के नेता इसी में लगे हुए हैं। उन्हें जनता से कोई लेना-देना नहीं है।

यह भी पढ़े: राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा शनिवार को आएगी मध्य प्रदेश

Related Articles

Stay Connected

7,268FansLike
10FollowersFollow

Latest Articles