तिरहुत डेस्क (नई दिल्ली)। उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में जीत के लिए भाजपा ने तैयारियां तेज कर दी है। पार्टी ने यूपी के सांसदों के कंधों मिशन 2022 फतह करने की जिम्मेदारी डाली है। हाल ही में उत्तर प्रदेश के जिन सांसदों को केंद्रीय मंत्री बनाया गया है, उन्हें संसद के मानसून सत्र के बाद अपने संसदीय क्षेत्र के साथ ही कम से कम दो से तीन लोकसभा क्षेत्रों में जन आशीर्वाद यात्रा निकालनी है। बैठक में सांसदों को आगरे का पेठा देते हुए नसीहत भी दी गई कि आपसी कड़वाहट और मनमुटाव भूलकर संगठन के लिए एकजुट हो जाए। माना जा रहा है पार्टी ने आने वाले विधानसभा चुनाव से पहले जीत की राह में दिख रही दरारों को भरने का काम शुरू कर दिया है।
भाजपा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने सभी नए मंत्रियों और पार्टी के सांसदों से अपने-अपने क्षेत्रों में दौरा करने के लिए कहा है। उन्होंने सभी सांसदों को संबोधित करते हुए कहा, “शहरों के साथ गांवों में भी आशीर्वाद यात्राएं निकालें। खुली जीप में जनता के बीच में जाएं उनसे संवाद करें और उनकी समस्याओं को सुने और हल करें। इसके अलावा राज्य की योगी सरकार और केंद्र की मोदी सरकार की योजनाओं की उपलब्धियां भी जनता तक पहुंचाए। ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर किसानों से चर्चा करें और उन्हें सरकार के नए कानून और योजनाओं की जानकारी भी दें।”
केंद्रीय मंत्रिमंडल में सात नए मंत्री बनाए गए हैं, जिनमें तीन अनुसूचित जाति, तीन पिछड़ा वर्ग और एक सवर्ण समाज से हैं। इन सभी की आशीर्वाद यात्रा से पार्टी इनसे जुड़े समाज-वर्ग को फिर याद दिलाना चाहती है कि वह भाजपा सरकार की प्राथमिकता में हैं। यह प्रयास भावनात्मक रूप से समाज को मजबूती से जोड़ने का माना जा रहा है। इसके अलावा सभी सांसदों से कहा गया है कि कोरोना टीकाकरण अभियान में सक्रिय भागीदारी करें। वैक्सीन सेंटरों पर जाएं और खास तौर पर क्षेत्र की जनता को दूसरी डोज के लिए प्रेरित करें।
पहले दिन 27 जुलाई को कानपुर-बुंदेलखंड, पश्चिम व ब्रज क्षेत्र के सांसदों को जबकि गुरुवार 29 जुलाई को अवध, काशी और गोरखपुर के सांसदों को बुलाया गया है।
बैठक में सभी सांसदों को साढ़े चार साल में राज्य की योगी सरकार द्वारा किए गए कामों की ‘इरादे नेक, काम अनेक’ नाम से एक बुकलेट भी दी गई। भाजपा ने बुकलेट में बताया है कि कोरोना काल में किस तरह गरीबों को मुफ्त राशन देकर केंद्र और राज्य सरकार ने उनकी मुश्किलें कम की है।
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