तिरहुत डेस्क (नई दिल्ली)। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को रांची में कहा कि पूरे देश में यूसीसी (समान नागरिक संहिता) हर हाल में लागू होगी, लेकिन आदिवासियों को इसके दायरे से बाहर रखा जाएगा।
अमित शाह ने राज्य की हेमंत सोरेन सरकार पर केंद्र की सरकार की योजनाओं को लटकाने और राज्य में पूर्व की भाजपा सरकार द्वारा शुरू की गई कल्याणकारी योजनाओं को बंद करने का आरोप लगाया।
झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा का संकल्प पत्र जारी करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “झारखंड का ये चुनाव न केवल सरकार बदलने का चुनाव है, बल्कि झारखंड का भविष्य सुरक्षित करने का चुनाव है। झारखंड की महान जनता को तय करना है कि भ्रष्टाचार में डूबी हुई सरकार चाहिए या विकास के रास्ते पर चलती हुई पीएम मोदी के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार चाहिए। घुसपैठ कराकर झारखंड की अस्मिता को खतरे में डालने वाली सरकार चाहिए या परिंदा भी पर न मार सके ऐसी सरहद की सुरक्षा करने वाली बीजेपी सरकार चाहिए।”
उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन की सरकार घुसपैठियों को संरक्षण दे रही है। घुसपैठियों को नहीं रोका गया तो राज्य की संस्कृति, रोजगार और अस्मिता पर गंभीर संकट खड़ा हो जाएगा। केंद्र सरकार राज्य में एक-एक बांग्लादेशी घुसपैठिए की पहचान कर उन्हें डिपोर्ट करेगी। हेमंत सोरेन को घुसपैठियों में अपना वोट बैंक दिखाई देता है। घुसपैठियों की वजह से आदिवासियों की संख्या घट रही है, डेमोग्राफी बदल रही है और हेमंत सोरेन की सरकार अपनी धुन में मस्त है। मैं आपसे वादा करता हूं कि बीजेपी सरकार आएगी, तो घुसपैठियों को झारखंड से बाहर निकालेगी।
अमित शाह ने कहा, “असम में बीजेपी सरकार आई और आज असम में घुसपैठ बंद हो गई है। हम रोटी, बेटी और माटी तीनों का संरक्षण करेंगे।” शाह ने कहा कि झारखंड अलग राज्य अटल बिहारी वाजपेयी ने बनाया था और इसे संवारने का काम नरेंद्र मोदी की नेतृत्व वाली सरकार ने किया, लेकिन पांच साल पहले जब हेमंत सोरेन की सरकार आई तो उसने डबल इंजन सरकार के वक्त शुरू हुई तमाम विकास योजनाओं को ठप कर दिया।
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की ओर से केंद्र के पास एक लाख 36 हजार करोड़ रुपए बकाया के भुगतान का मुद्दा उठाने पर अमित शाह ने कहा कि हेमंत सोरेन बचकानी बात कर रहे हैं। केंद्र सरकार ने इस राज्य को साढ़े चार लाख करोड़ रुपए दिए, लेकिन वह इनका उपयोग नहीं कर पाए। उन्होंने हेमंत सोरेन सरकार पर युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ का आरोप लगाते हुए कहा, “आपने कहा था कि युवाओं को नौकरी देंगे, लेकिन आपने क्या किया, आपके पास जवाब नहीं है। इस सरकार में पेपर लीक सबसे ज्यादा हुए हैं। अगर पेपर लीक हमारी सरकार में हुआ तो उल्टा लटका कर इन माफियाओं को सीधा करेंगे।”
अमित शाह ने कांग्रेस को पिछड़ा विरोधी बताते हुए कहा कि इनकी सरकारों ने कभी इस वर्ग को उसके वाजिब अधिकार नहीं दिए। जबकि भारतीय जनता पार्टी ने पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक मान्यता दी और 27 प्रतिशत आरक्षण सुनिश्चित किया।
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