Thursday, April 25, 2024

देश के छह राज्यों में पीएफआई के ठिकानों पर छापेमारी, 90 से अधिक कार्यकर्ता हिरासत में लिए गए

तिरहुत डेस्क (नई दिल्ली)। देश के छह राज्यों में मंगलवार को ‘‘पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया’’ (पीएफआई) के विभिन्न ठिकानों पर की गई कार्रवाई के दौरान उसके 90 से अधिक कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया है।

कट्टर इस्लाम का प्रसार करने के आरोपों का सामना कर रहे पीएफआई के खिलाफ इसी तरह की कार्रवाई पांच दिन पहले भी की गई थी।

छापेमारी की कार्रवाई कर्नाटक, गुजरात, दिल्ली, महाराष्ट्र, असम और मध्य प्रदेश की राज्य पुलिस ने की है।

गौरतलब है कि राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) के नेतृत्व में विभिन्न एजेंसियों की टीमों ने 22 सितंबर को देश में आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन करने के आरोप में पीएफआई के खिलाफ 15 राज्यों में छापेमारी की थी और उसके 106 नेताओं व कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया था। एनआईए, पीएफआई की संलिप्तता वाले 19 मामलों की जांच कर रही है।

संबंधित राज्यों की पुलिस ने अपने-अपने अधिकार क्षेत्र में मंगलवार को छापेमारी की कार्रवाई की । ऐसा लगाता है कि यह समन्वित कार्रवाई है। अधिकारियों ने बताया कि छापेमारी के दौरान पुलिस ने असम में 25, महाराष्ट्र में चार और दिल्ली में 30 लोगों कोा हिरासत में लिया है।

उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश में 21, गुजरात में 10 लोगों को और कर्नाटक में भी कई लोगों को हिरासत में लिया गया है।

असम के अधिकारियों ने बताया कि विभिन्न जिलों से पीएफआई के 25 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया।

उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा 10 पीएफआई कार्यकर्ताओं को गोलपाड़ा से गिरफ्तार किया गया है। इसके बाद पांच को कामरूप (ग्रामीण) में और तीन को धुबरी में गिरफ्तार किया गया। वहीं, बारपेटा, बक्सा, दरांग, उदलगुरी और करीमगंज में भी गिरफ्तारियां की गईं।

मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने पहले कहा था कि राज्य सरकार ने आतंकवादी गतिविधियों के लिए कथित तौर पर एक तंत्र बना रहे संगठन को प्रतिबंधित करने के लिए केंद्र से आग्रह किया है।

दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ ने राष्ट्रीय राजधानी में निजामुद्दीन और शाहीन बाग सहित कई स्थानों पर पीएफआई से संबद्ध ठिकानों पर छापेमारी के बाद मंगलवार को 30 लोगों को हिरासत में लिया।

दिल्ली पुलिस की जनसंपर्क अधिकारी (पीआरओ) सुमन नलवा ने पीएफआई के खिलाफ इस ‘‘संयुक्त कार्रवाई’’ की पुष्टि की और बताया कि 30 लोगों को अभी तक हिरासत में लिया गया है।

उन्होंने बताया कि जिन इलाकों में छापेमारी की जा रही है, वहां पर एहतियातन अर्द्धसैनिक बलों को तैनात किया गया है।

वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘हमने कानून व्यवस्था और सौहर्द्र कायम रखने के लिए संबधित इलाकों में एहतियाती कदम के तहत अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती की है। यह एहतियान उठाया गया कदम है ताकि कोई अवांछित घटना न हो।’’

पुलिस ने बताया कि अबतक मामले में प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है क्योंकि जांच जारी है। उन्होंने बताया कि छापेमारी की कार्रवाई सोमवार-मंगलवार की दरमियानी रात करीब साढ़े 12 बजे के बाद शुरू हुई और तड़के सुबह तक जारी रही।’’

मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि राज्य पुलिस ने पीएफआई से जुड़े होने के आरोप में प्रदेश के आठ जिलों से 21 लोगों को हिरासत में लिया है।

उन्होंने कहा कि पिछले सप्ताह गिरफ्तार किए गए पीएफआई कार्यकर्ताओं से की गई पूछताछ के आधार पर इन लोगों को हिरासत में लिया गया है। मिश्रा मध्य प्रदेश सरकार के प्रवक्ता भी हैं।

पीएफआई की स्थापना 2006 में केरल में की गई थी और वह भारत में हाशिये पर पड़े वर्गों के सशक्तिकरण के लिए नव सामाजिक आंदोलन चलाने का दावा करता है। हालांकि, सुरक्षा एजेंसियों का दावा है कि पीएफआई कट्टर इस्लाम का प्रचार कर रहा है। इस संगठन की स्थापना केरल में की गई थी और इसका मुख्यालय दिल्ली में है।

पीएफआई के खिलाफ राष्ट्रव्यापी कार्रवाई के बाद उसपर देशभर में प्रतिबंध लगने की संभावना हैं ।

गुजरात में आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) और राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) की संयुक्त टीम ने छापेमारी कर पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) से कथित संबंधों को लेकर पूछताछ के लिए कम से कम 10 लोगों को हिरासत में लिया। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।

अधिकारी ने कहा, “उन्होंने गुजरात पुलिस और एटीएस की मदद से विभिन्न इलाकों से कम से कम 10 लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है।”

गुजरात में पीएफआई की राजनीतिक शाखा सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) विशेष रूप से सक्रिय है और कुछ महीने पहले उसने अहमदाबाद में अपना कार्यालय खोला था।

कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ और उडुपी जिले के शहरी व ग्रामीण इलाकों में पुलिस ने मंगलवार तड़के पीएफआई के कई नेताओं को हिरासत में लिया।

पुलिस सूत्रों ने बताया कि पीएफआई के नेताओं को दक्षिण कन्नड़ जिले के मंगलुरु, उल्लाल, तलपडी और अन्य क्षेत्रों से हिरासत में लिया गया। उनके खिलाफ दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 107 और 151 के तहत मामला दर्ज किया गया है।

सूत्रों ने कहा कि हूडे, गंगोली, बिंदूर और आदि उडुपी में छापे मारे गए। हिरासत में लिए गए व्यक्ति बिंदूर और आदि उडुपी के रहने वाले हैं।

सूत्रों ने कहा कि पुलिस विभाग हिरासत में लिए गए नेताओं की गतिविधियों पर पिछले छह महीने से नजर रख रहा था और किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए उन्हें हिरासत में लिया गया है।

महाराष्ट्र के ठाणे जिले के विभिन्न स्थानों से पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के चार कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया है। एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

पुलिस उपायुक्त (अपराध) लक्ष्मीकांत पाटिल ने कहा कि स्थानीय पुलिस और अपराध शाखा के अधिकारियों द्वारा जिले में चलाए गए संयुक्त अभियान के तहत सोमवार रात को गिरफ्तारियां की गईं।

उन्होंने बताया कि दो कार्यकर्ताओं को मुंब्रा से और एक-एक को कल्याण व भिवंडी से पकड़ा गया है।

एटीएस ने सोमवार को मुंबई की अदालत को बताया था कि उसे गिरफ्तार 20 लोगों में से पांच के अलकायदा व इस्लामिक स्टेट सहित आतंकवादी संगठनों के साथ संबंध की और इलेक्ट्र्रॉनिक सबूत की जांच करनी है ।

एटीएस ने बताया कि उसे कुछ साहित्य एवं ‘किसने करकरे को मारा’ शीर्षक से प्रकाशित किताब एक आरोपी के पास से मिली है और आरोपी का लैपटाप एवं फोन जब्त किया गया है।

केरल में पांच पीएफआई कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया है। एक बेकरी में तोड़फोड़ और केरल राज्य सड़क परिवहन निगम (केएसआरटीसी) की बसों को नुकसान पहुंचाने के आरोप में कोट्टायम से सोमवार को पीएफआई के चार कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया। कोल्लम से भी सोमवार को पीएफआई के एक कार्यकर्ता को गिरफ्तार किया गया। उस पर पुलिसकर्मियों की पकड़ में आने से बचने के लिए पुलिस की मोटरसाइकिल में टक्कर मारने का आरोप है।

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