Saturday, July 6, 2024

10 पुल गिरने के बाद नितीश सरकार की टूटी नींद: जगने का भी नहीं है कोई असर, बैठक में मात्र औपचारिकता निभाई

तिरहुत डेस्क (नई दिल्ली)। बिहार में पिछले 15 दिनों में 10 पुल गिरने के बाद मुख्यमंत्री की नींद खुली है. सीएम आवास में बुधवार को अधिकारियों की बैठक बुलायी गयी. चाय-नाश्ते के साथ अधिकारियों ने सीएम नीतीश कुमार के सामने प्रजेंटेशन दिया. कहा-सरकारी व्यवस्था पूरी तरह दुरूस्त है. मुख्यमंत्री ने भी वही बातें दुहरायी जो कई सालों से लगातार कहते आ रहे हैं. इसके बाद बैठक खत्म हो गयी.

पूरे बिहार में पुलों के लगातार धराशायी होने के बाद सीएम की बैठक की जानकारी राज्य सरकार की ओर से दी गयी है. बिहार के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग की प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि नीतीश कुमार ने अधिकारियों से कहा कि 2005 से बिहार के सभी क्षेत्रों में लगातार विकास के काम किये जा रहे हैं. बड़ी संख्या में पथों एवं पुलों का निर्माण कराया गया है. सरकार का मकसद सिर्फ बेहतर सड़क और पुलों का निर्माण करना ही नहीं है बल्कि उसका बेहतर रखरखाव करना भी है. इसलिए सरकार ने फैसला लिया था कि पुलों के रखरखाव के लिये मेंटेनेंस पॉलिसी बनायी जाय. पथ निर्माण विभाग ने पुलों की मेंटेनेंस पॉलिसी बना ली है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलों के रखरखाव के लिये एक मानक संचालन प्रक्रिया (एस०ओ०पी०) तैयार कर सभी पुलों का नियमित निरीक्षण कराया जाये. पथ निर्माण विभाग और ग्रामीण कार्य विभाग पथों और पुलों के रखरखाव को लेकर सतर्क रहें और लगातार निगरानी करते रहें. काम में किसी प्रकार की शिथिलता बरतने पर जिम्मेदार लोगों पर कड़ी कार्रवाई भी सुनिश्चित की जाय. नीतीश ने कहा कि जितने भी पुराने पुल हैं, अधिकारी उसकी स्थिति की जानकारी लें और स्थल पर जाकर निरीक्षण करें. सभी पुलों के रखरखाव के लिये उचित कार्रवाई करें. उन्होंने कहा कि जो भी निर्माणाधीन पुल हैं, उसका निर्माण कार्य गुणवतापूर्ण तरीके से सही समय पर पूरा किया जाये.

बता दें कि बिहार में धड़ाधड़ पुल गिर रहे हैं. एक दिन में पांच पुल गिरे हैं. सीवान जिले में एक ही दिन में 3 पुल ढह गए. जिसके चलते गंडक और धमही नदी के किनारों के कई गांवों का संपर्क टूट गया है. वहीं, बिहार के पूर्वी चंपारण जिले के हर्षडीह ब्लॉक के एक गांव में गंडक नदी की सहायक जमुवा नहर पर बना 10 फीट लंबा बांध बुधवार सुबह ढह गया. बिहार में पिछले कुछ दिनों में अररिया, सिवान, पूर्वी चंपारण, किशनगंज और मधुबनी ज़िलों में भी पुल गिरे हैं. इन पुलों में से तीन निर्माणाधीन और दो तैयार पुल थे.

सीएम ने पुरानी बातें दुहरा दी
बिहार में कम से कम 10 पुल गिरने के बाद नीतीश कुमार ने आज अधिकारियों की बैठक बुलायी लेकिन उसमें वही बातें दुहरा दी, जो वे सालों से कहते चले आ रहे हैं. राज्य सरकार ने एक पुल गिरने के बाद दो-चार इंजीनियरों को सस्पेंड किया था, उसके बाद कोई कार्रवाई नहीं की. बता दें कि सरकारी नियमों के मुताबिक किसी कर्मचारी-अधिकारी को सस्पेंड करना दंड नहीं माना जाता है. लेकिन सरकार ने सस्पेंशन के अलावा और कोई कार्रवाई नहीं की है।

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