Thursday, April 18, 2024

उत्तर प्रदेश: लखीमपुर खीरी में दलित बहनों की बलात्कार के बाद हत्या : छह लोग गिरफ्तार

तिरहुत डेस्क (नई दिल्ली)। लखीमपुर खीरी जिले के निघासन क्षेत्र में गन्ने के खेत में एक पेड़ पर फांसी से लटकती पाई गई दो दलित बहनों से कथित बलात्कार और हत्या के मामले में बृहस्पतिवार को छह लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया।

पुलिस सूत्रों ने यहां बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला है कि 15 और 17 साल की उन लड़कियों के साथ बलात्कार किया गया और फिर गला घोंटकर उनकी हत्या कर दी गई। बुधवार को दोनों के शव उनके घर से करीब एक किलोमीटर दूर पेड़ पर फांसी पर लटकते पाए गए।

विपक्ष ने कानून-व्यवस्था को लेकर राज्य की भाजपा नीत सरकार की आलोचना की है।

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के निर्देश पर प्रदेश कांग्रेस कोषाध्यक्ष सतीश अजमानी के नेतृत्व में पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल ने लखीमपुर खीरी जाकर पीड़ित परिवार से मुलाकात की और उसे इंसाफ दिलाने का भरोसा दिलाया।

कांग्रेस प्रवक्ता अंशु अवस्थी ने बताया कि कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं ने लखीमपुर की जघन्य घटना और राज्य में भाजपा शासन में धवस्त कानून-व्यवस्था के विरोध में यहां पार्टी प्रदेश कार्यालय से जीपीओ तक कैण्डल मार्च निकाला और पीड़ित परिवार को शीघ्र न्याय की मांग की।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक ट्वीट में कहा, “लखीमपुर में दिन-दहाड़े, दो नाबालिग दलित बहनों के अपहरण के बाद उनकी हत्या, बेहद विचलित करने वाली घटना है। बलात्कारियों को रिहा करवाने और उनका सम्मान करने वालों से महिला सुरक्षा की उम्मीद की भी नहीं जा सकती। हमें अपनी बहनों-बच्चियों के लिए देश में एक सुरक्षित माहौल बनाना ही होगा।” पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी गुजरात के बिलकीस बानो सामूहिक बलात्कार के 11 दोषियों की रिहाई की ओर इशारा कर रहे थे। गुजरात की भाजपा सरकार ने अपनी छूट नीति के तहत इस कांड के दोषी लोगों की रिहाई की अनुमति दी थी।

इस बीच, निघासन मामले में मृत लड़कियों के रिश्तेदारों ने पीड़ितों के अंतिम संस्कार से पहले परिवार के एक सदस्य के लिए सरकारी नौकरी, पर्याप्त मुआवजा और सभी छह आरोपियों को मौत की सजा देने की मांग की।

लखीमपुर खीरी के पुलिस अधीक्षक (एसपी) संजीव सुमन ने संवाददाताओं को बताया कि प्रारंभिक जांच के अनुसार लड़कियां बुधवार दोपहर दो आरोपियों जुनैद और सोहेल के साथ घर से निकली थीं।

लड़की की मां ने पहले आरोप लगाया था कि उनका अपहरण किया गया था।

एसपी ने कहा, “जुनैद और सोहेल ने लड़कियों के साथ बलात्कार करने के बाद उनका गला घोंटने का जुर्म कुबूल किया है। दोनों इन दो बहनों के साथ रिश्ते में थे। वे लड़कियां शादी की जिद कर रही थीं, जिसके बाद उनका गला घोंट दिया गया। गिरफ्तार किए गए अन्य लोगों की पहचान हफीजुर्रहमान, करीमुद्दीन, आरिफ और छोटू गौतम के रूप में हुई है।’’ पुलिस ने बताया कि जुनैद को सुबह करीब साढ़े आठ बजे मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किया गया और उसके पास से एक मोटरसाइकिल, देसी पिस्टल और कारतूस बरामद किया गया ।

पुलिस के अनुसार उसने सभी आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धाराओं 302 (हत्या), 323 (जानबूझकर पहुंचाना), 376 (बलात्कार) और 452 (चोट, हमला या गलत तरीके से रोकना) तथा पोक्सो अधिनियम की सुसंगत धाराओं में मामला दर्ज किया है। उसके अनुसार एससी/एसटी अधिनियम के प्रावधानों को भी प्राथमिकी में शामिल किया गया है।

दोनों लड़कियों के शव जिला अधिकारी महेंद्र बहादुर सिंह और पुलिस अधीक्षक संजीव सुमन तथा अन्य अधिकारियों की मौजूदगी में उनके घर के नजदीक एक खेत में दफन कर दिए गए।

जिलाधिकारी ने बताया कि पीड़ित परिवार को कुल 16 लाख 50 हजार रुपए का मुआवजा दिलाने के लिए जरूरी कार्यवाही की जा रही है तथा राज्य सरकार पीड़ित परिवार को रानी लक्ष्मीबाई योजना के तहत मिलने वाले लाभ भी उपलब्ध कराएगी। उनका कहा था कि जिला प्रशासन पीड़ित परिवार की अन्य मांगों को भी विचार के लिए राज्य सरकार को भेजेगा।

पुलिस अधीक्षक सुमन ने उन दावों को खारिज कर दिया कि पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजने के लिए बल प्रयोग किया। उन्होंने कहा कि पोस्टमार्टम मृत लड़कियों के परिवार की सहमति से किया गया था और पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी भी कराई गई है।

इस बीच लड़कियों के भूमिहीन मजदूर पिता ने मामले में पुलिस कार्रवाई पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “हम मामले में अब तक की पुलिस कार्रवाई से संतुष्ट हैं।” पीड़िता की मां ने बुधवार रात निघासन कोतवाली थाने में शिकायत दर्ज कराई थी कि उसकी बेटियों के साथ दुष्कर्म कर उनकी हत्या कर दी गई है।

उसने आरोप लगाया था कि मोटरसाइकिल सवार तीन अज्ञात युवकों ने उसके पड़ोसी छोटू के साथ उनकी झोपड़ी में धावा बोल दिया और उसकी बेटियों का अपहरण कर लिया। उसके अनुसार जब उसने इसका विरोध किया, तो उनमें से एक ने उसे लात मारी। परिवार ने बाद में लड़कियों को अपने गांव से करीब एक किलोमीटर दूर एक खेत में पेड़ से लटका मृत पाया।

घटना के बारे में पता लगने पर नाराज ग्रामीणों ने निघासन चौराहे पर प्रदर्शन किया। पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर एंबुलेंस से जिला मुख्यालय भिजवाया, जबकि एसपी सुमन और अपर पुलिस अधीक्षक (एपीएस) अरुण कुमार सिंह ने ग्रामीणों से बात कर उन्हें समझाया-बुझाया।

गांव में एहतियात के तौर पर बड़ी संख्या में पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया था। लखनऊ के वरिष्ठ अधिकारियों को भी मौके पर भेजा गया है।

इस घटना को लेकर विपक्षी दलों ने सरकार को घेरने की कोशिश की है।

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने ट्वीट कर कहा, “लखीमपुर खीरी में मां के सामने दो दलित बेटियों का अपहरण एवं दुष्कर्म के बाद उनके शव पेड़ से लटकाने की हृदय विदारक घटना सर्वत्र चर्चाओं में है, क्योंकि ऐसी दुःखद एवं शर्मनाक घटनाओं की जितनी भी निंदा की जाए, वह कम है। उत्तर प्रदेश में अपराधी बेखौफ हैं, क्योंकि सरकार की प्राथमिकताएं गलत हैं!” मायावती ने कहा, “यह घटना कानून-व्यवस्था एवं महिला सुरक्षा आदि के मामले में सरकार के दावों की पोल खोलती है। हाथरस कांड सहित ऐसे जघन्य अपराधों के मामलों में ज्यादातर लीपापोती होने से ही अपराधी बेखौफ हैं। उत्तर प्रदेश सरकार अपनी नीति, कार्यप्रणाली व प्राथमिकताओं में आवश्यक सुधार करे।” उत्तर प्रदेश के दोनों उपमुख्यमंत्रियों केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक ने कहा कि सरकार पीड़ितों के परिवार के साथ है।

मौर्य ने एक ट्वीट में कहा “सरकार पीड़ित परिवार के साथ है। मुद्दा विहीन विपक्ष ऐसे मामलों में राजनीति न करे।” उन्होंने कहा “यह अत्यधिक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। हम पीड़ित परिवार के साथ हैं। घटना के छह अभियुक्त गिरफ्तार कर लिए गए हैं। जो भी अपराध करेगा, वह न बच पायेगा और न कोई उसे बचा पायेगा। अपराधियों के खिलाफ कठोर से कठोर कार्रवाई की जाएगी।” उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने संवाददाताओं से कहा “लखीमपुर की घटना का पर्दाफाश हो गया है। इस प्रकरण में सरकार ऐसी कठोर कार्यवाही करेगी कि इन अभियुक्तों की आने वाली पीढ़ियों की रूह भी कांप जाएगी। सरकार पूरी तरह से पीड़ित परिवार के साथ है। हम इस मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट में ले जाएंगे और दोषियों को सजा दिलाएंगे।”

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