तिरहुत डेस्क (नई दिल्ली)। कानपुर में जीका वायरस का एक और मामला सामने आया है, जिससे संक्रमितों की संख्या बढ़कर 11 हो गई है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) कानपुर, डॉ. नेपाल सिंह ने कहा कि शिव कटरा की एक 42 वर्षीय महिला के पैथोलॉजी नमूने लखनऊ में केजीएमयू लैब और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी), पुणे में भेजे गए थे। सोमवार को नमूने सकारात्मक परीक्षण किया है।
अब तक, चकेरी क्षेत्र के तीन भारतीय वायुसेना कर्मचारियों सहित 11 लोगों ने संक्रमण के लिए सकारात्मक परीक्षण किया है।
सीएमओ ने कहा कि निगरानी टीम ने महिला का नमूना लिया, जो स्पशरेन्मुख है, और इसे परीक्षण के लिए भेजा है। उसे निगरानी में रखा गया है। उसके परिवार के सदस्यों, रिश्तेदारों और संपर्क में आए लोगों के नमूने मंगलवार को एकत्र किए जाएंगे। एंटी-लार्वा स्प्रे, क्षेत्र में निगरानी टीमों द्वारा सफाई और फॉगिंग भी की जाएगी।
जिलाधिकारी विशाख जी अय्यर ने एक बयान में कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है। जीका वायरस संपर्क या एरोसोल से नहीं फैलता है, बल्कि यह एडीज इजिप्टी मच्छरों से फैलता है, जो डेंगू और चिकनगुनिया का भी कारण बनते है। कड़ी निगरानी और जागरूकता से इसे आसानी से कम किया जा सकता है।
इस बीच, सोमवार को आईएएफ स्टेशन सहित प्रभावित क्षेत्रों में स्वास्थ्य, नागरिक, पैरा-मेडिकल कर्मियों और स्थानीय प्रशासन के कर्मचारियों की 65 निगरानी टीमों द्वारा घर-घर सर्वेक्षण किया गया है। टीमों ने चकेरी क्षेत्र में 3 किमी के दायरे में फैले 12 इलाकों से नमूने एकत्र किए। टीमों ने बुखार जैसे लक्षण वाले लोगों की भी जांच की।
अब तक, 1,745 नमूने एकत्र किए गए हैं। सीएमओ ने कहा कि हमारी निगरानी दल भी लोगों को रुके हुए पानी के खतरे के बारे में जागरूक कर रहे हैं और उन्हें पानी से भरे बर्तन, कंटेनर और टैंक खाली करने के लिए कह रहे हैं।