तिरहुत डेस्क (नई दिल्ली)। महाराष्ट्र के लातूर में किसानों की 300 एकड़ जमीन को वक्फ बोर्ड ने अपना बताया है। इसको लेकर औरंगाबाद के कोर्ट में याचिका भी डाली गई है, जिस पर 20 दिसंबर को सुनवाई होगी।
वक्फ बोर्ड के इस दावे के बाद तलेगांव के किसानों में डर का माहौल है। उन्होंने सरकार से हस्तक्षेप करने को कहा है। दरअसल, संभाजीनगर के वक्फ बोर्ड ने अहमदपुर में 103 किसानों की 300 एकड़ पुश्तैनी जमीन पर दावा ठोका है। किसानों को नोटिस भेजकर अपनी बात रखने को बोला गया है।
वक्फ ट्रिब्यूनल की तरफ से औरंगाबाद की अदालत में याचिका संख्या 17/2024 के तहत तलेगांव के 103 किसानों की जमीन पर दावा किया गया है। किसानों को व्यक्तिगत रूप से नोटिस भी जारी किया गया है। इस नोटिस के बाद गांव के करीब 75 प्रतिशत हिस्से में डर का माहौल है।
इस मामले को लेकर ‘ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन’ के नेता मोहम्मद इस्माइल ने कहा, किसान अगर जमीन पर अपना दावा करते हैं तो कागज दिखाएं। लेकिन अगर यह वक्फ की जमीन है तो उनके पास यह अधिकार है कि अपनी जमीन वापस लेने के लिए वो नोटिस दे। इसमें कोई बुरी बात नहीं है।
उन्होंने आगे कहा, ट्रिब्यूनल कोर्ट देखे कि किसके पास जमीनों का मालिकाना पेपर है। अगर वक्फ के रजिस्टर में वो जगह है, तो आज नहीं तो कल वो जगह वापस देनी होगी। लेकिन अगर किसानों की जमीन है, तो वो पेपर दें। नियम के मुताबिक जिसके पास पेपर होंगे, उसको इस जमीन का अधिकार मिलेगा।
भाजपा के इस आरोप पर कि किसानों की जमीन और मंदिरों पर वक्फ जबरदस्ती कब्जा कर रहा है, इसपर एआईएमआईएम नेता ने कहा, यह सिर्फ इल्जाम है, पूरे देश के अंदर कोई एक घटना नहीं बता सकता कि वक्फ ने जबरदस्ती किसी मंदिर की जगह ले ली हो। लेकिन मस्जिद, दरगाहों को लेकर जो दावे किए जा रहे, उसके हिसाब से हमें सताया जा रहा है।
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