तिरहुत डेस्क (नई दिल्ली)। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष और अर्थशास्त्री बिबेक देबरॉय के निधन को भारत के आर्थिक, धार्मिक, आध्यात्मिक और साहित्यिक जीवन के लिए बड़ी क्षति बताते हुए गहरी संवेदना व्यक्त की है।
विश्व हिंदू परिषद के अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं वरिष्ठ अधिवक्ता आलोक कुमार ने बिबेक देबरॉय की मृत्यु पर अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त करते हुए कहा कि उनके असमय निधन से भारत के आर्थिक, धार्मिक, आध्यात्मिक और साहित्यिक जीवन में एक बड़ा शून्य हो गया है।
उन्होंने कहा कि वह एक अर्थशास्त्री थे, जिन्होंने तथाकथित समाजवादी व्यवस्था को चुनौती दी और अर्थव्यवस्था के उदारीकरण का मार्ग प्रशस्त किया। उन्होंने राजीव गांधी इंस्टीट्यूट फॉर कंटेम्परेरी स्टडीज, नीति आयोग के सदस्य, प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष, विभिन्न राज्य सरकारों सहित कई प्रमुख संस्थानों के साथ काम किया। उन्होंने कानून और न्यायपालिका, श्रम और रेलवे सहित अलग-अलग क्षेत्रों में मार्गदर्शन भी किया।
विहिप नेता ने आगे कहा कि इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि देबरॉय ने संस्कृत भाषा में विशेषज्ञता प्राप्त की। उन्होंने महाभारत का अध्ययन किया, उसमें मूल एक लाख श्लोकों को छांटा, प्रक्षिप्त अंशों को अलग किया और ग्रंथ का अंग्रेजी में अनुवाद किया। यह दस खंडों और 22 लाख 50 हजार शब्दों की एक विशाल कृति है। देबरॉय ने 18 पुराणों के 4 लाख श्लोकों का अनुवाद करने के साथ ही 11 उपनिषदों का भी अंग्रेजी में अनुवाद किया। वे प्राचीन संस्कृत साहित्य और आधुनिक आर्थिक अध्ययन, दोनों में अग्रणी रहे। उनके निधन से न केवल भारत बल्कि संपूर्ण विश्व को अपूरणीय क्षति हुई है।
आलोक कुमार ने विश्व हिंदू परिषद की तरफ से दिवंगत आत्मा को विनम्र श्रद्धांजलि भी अर्पित की।
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