तिरहुत डेस्क (नई दिल्ली)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता और विधायक नितेश राणे ने सोमवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा वीर सावरकर पर की गई टिप्पणी और एंटी कन्वर्जन लॉ पर अपनी बात रखी।
नितेश राणे ने कहा, “राहुल गांधी जी के वीर सावरकर जी के बारे में जो विचार हैं, उस पर कुछ सवाल उठ रहे हैं। इस मुद्दे पर उनसे पहले उनके करीबी उद्धव ठाकरे जी और उनकी पार्टी से सवाल पूछा जाना चाहिए कि जो राहुल गांधी बोल रहे हैं, वह उद्धव ठाकरे और उनकी पार्टी की राय से मेल खाता है क्या।”
उन्होंने आगे कहा, “यह आवश्यक है कि इसे लेकर उद्धव ठाकरे और उनकी पार्टी अपनी स्थिति स्पष्ट करे। क्या उन्होंने कभी वीर सावरकर की योगदान और विचारधारा के बारे में राहुल गांधी के विचारों को स्वीकार किया है? यह सवाल उठता है, क्योंकि जब हम हिंदुत्व की बात करते हैं, तो महा विकास अघाड़ी में शामिल पार्टियां, जो अपने को सेक्युलर कहती हैं, अपनी विचारधारा और बयानबाजी को लेकर अस्पष्ट हैं।”
इसके अलावा, उन्होंने धर्मांतरण विरोधी कानून पर अपनी बात रखते हुए कहा, “हमने अपने घोषणापत्र में यह बात कही थी कि हम धर्मांतरण के विरोध में कानून बनाकर रहेंगे और अब हम इस दिशा में अपने कदम बढ़ा चुके हैं।
उन्होंने इस बात पर बल दिया कि मौजूदा समय में सभी राज्यों में धर्मांतरण विरोधी कानून है, तो फिर महाराष्ट्र में यह कानून क्यों नहीं हो सकता है। लिहाजा, अब हमने इस कानून को अपने राज्य में भी लाने का फैसला कर लिया है। इस दिशा में हमने पूरी रूपरेखा निर्धारित कर ली है, जिसे जल्द ही जमीन पर उतार लिया जाएगा।
इससे पहले 29 नवंबर को नितेश राणे ने बयान जारी कर कहा था, “हमारे हिंदू राष्ट्र में हर जमीन पर अधिकार सिर्फ हिंदू समाज का है। अजमेर की दरगाह के नीचे हिंदू मंदिर है, यह दावा हिंदू पक्ष ने रखा था। उस याचिका को कोर्ट ने स्वीकारा है। कोर्ट के इस कदम का मैं स्वागत करता हूं। जो हमारे हिंदू समाज का था, वह हमारे हिंदू समाज का होकर ही रहेगा।”
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