तिरहुत डेस्क (नई दिल्ली)। सत्ता में बैठे नेताओं को अपनी प्रजा की मसीहाई के लिए क्या करना चाहिए यह बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने बखूबी समझाया है। सरकार में बैठे नेताओं को अपनी गरीब प्रजा के दुख दर्द किस तरह बांटने चाहिए, कैसे उनका ख्याल रखना चाहिए और उनके भरोसे पर कैसे कायम रहना चाहिए तेजस्वी यादव ने इसे करके दिखाया है। विदित हो कि मंगलवार की देर रात बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ठंड से कांपते बे यारो मददगार सड़क किनारे सो रहे गरीबों का हाल जानने पटना की सड़कों पर निकल पड़े। तेजस्वी ने सड़क किनारे सो रहे गरीबों को कंबल ओढ़ाया, और आश्रय के अभाव में सड़कों पर सोने को विवश गरीबों के लिए निःशुल्क अस्थायी आश्रय स्थलों का इंतजाम भी किया।
तेजस्वी यादव जब से सरकार में आए हैं तब से वे पूरी तरह एक्शन में हैं। कभी देर रात निरिक्षण के लिए अस्पताल पहुंच जाते हैं तो कभी डॉक्टर्स को फटकार लगाते नज़र आते हैं। अब तेजस्वी यादव ने सड़को पर भटकते गरीबों की जिस तरह से मदद की है उससे बिहार के लोगों में उनकी मसीहा जैसी छवि बनने लगी है। क्योंकि किसी भी राज्य की प्रजा को आखिर सरकार में बैठे अपने नेताओं से बस इतनी ही आशा होती है कि कभी उनके नेता दुख और गम की स्थिति में स्वंय उनका हाल जानने उनके सामने पहुंचे और उनकी समस्याओं का समाधान करें।
आज ऐसा लग रहा है कि तेजस्वी जनता की आशाओं पर खरा उतरने के लिए पूरी तरह प्रयासरत हैं। जिस तरह से मंगलवार की देर रात तेजस्वी सड़क पर निकले और देखा कि कई गरीब ऐसे हैं जो बिना छत और बिना कंबल के ठंड में सो रहे हैं। इसके बाद उन्होंने तुरंत गरीबों के बीच कंबल बंटवाया और उनके रहने की अस्थाई आश्रय का इंतजाम करवाया।
उपमुख्यमंत्री ने अपने इस कारनामे से अपने पिता लालू यादव के कार्यकाल की याद ताजा कर दी है। तेजस्वी ने गरीबों के लिए कई जगहों पर शौचालयों का भी इंतजाम कराया है। तेजस्वी ने बताया कि गरीबों के लिए पीने का पानी, ज़रूरी सामान रखने के लिए सभी लोगों के लिए अलग-अलग बक्से से लेकर कई अन्य व्यवस्था कर दिए गए हैं। इतना ही नहीं, तेजस्वी यादव ने इन गरीबों को सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में रखा है ताकि इनके साथ कुछ गलत न हो सके।