तिरहुत डेस्क (नई दिल्ली)। तालिबान ने मंगलवार को पूरे अफानिस्तान में ‘आम माफी’ की घोषणा की और महिलाओं से उसकी सरकार में शामिल होने का आह्वान किया। इसके साथ ही तालिबान ने काबुल में उत्पन्न संशय की स्थिति को शांत करने की कोशिश है, जहां एक दिन पहले उसके शासन से बचने के लिए भागने की कोशिश कर रहे लोगों की वजह से हवाई अड्डे पर अफरा-तफरी का माहौल देखने को मिला था।
तालिबान के सांस्कृतिक आयोग के सदस्य इनामुल्ला समनगनी ने पहली बार संघीय स्तर पर शासन की ओर से टिप्पणी की है। काबुल में उत्पीड़न या लड़ाई की बड़ी घटना अबतक दर्ज नहीं की गई है । तालिबान द्वारा जेलों पर कब्जा कर कैदियों को छुड़ाने एवं हथियारों को लूटने की घटना के बाद लोग घरों में हैं और भयभीत हैं।
पुरानी पीढ़ी तालिबान की अति रूढ़िवादी सोच को याद कर रही है, जब 11 सितंबर 2001 को न्यूयॉर्क पर हमले के बाद अमेरिका की अफगानिस्तान पर हमले से पहले सजा के तौर पर पत्थर से मारने और सार्वजनिक तौर पर फांसी की सजा दी जाती थी।
समानगनी ने कहा, ‘‘इस्लामी अमीरात (तालिबान द्वारा घोषित अफगानिस्तान का नाम) नहीं चाहता कि महिलाएं पीड़ित हों। उन्हें शरिया कानून के तहत सरकारी ढांचे में शामिल होना चाहिए।’’ उन्होंने कहा,‘‘ सरकार का ढांचा अबतक स्पष्ट नहीं है लेकिन अनुभवों के आधार पर, कह सकता हूं कि यह पूर्णत: इस्लामिक नेतृत्व वाला होगा और सभी पक्ष इसमें शामिल होंगे।’’
समानगनी ने हालांकि अस्पष्ट जानकारी दी है लेकिन वहां रह रहे लोग जानते हैं कि तालिबान इस्लामी कानून लागू करेगा, जिनका अनुपालन करना होगा। समानगनी ने कहा,‘‘हमारे लोग मुस्लिम हैं और हमें उन्हें जबरन इस्लाम कबूल नहीं करवाना।’’
तालिबान इस्लामिक कानूनों की कट्टर व्याख्या के तहत शासन करता करता है जिसमें महिलाएं घरों तक सीमित कर दी जाती हैं। तालिबान ने हाल के वर्षों में अधिक लचीला रुख दिखाया है लेकिन अफगान लोग इसको लेकर आशंकित हैं।
इस बीच, मंगलवार को नाटो के अफगानिस्तान में वरिष्ठ असैन्य प्रतिनिधि स्टीफेनो पोंटेकार्वो ने वीडियो पोस्ट किया है जिसमें दिख रहा है कि हवाई अड्डे की उड़ान पट्टी खाली है और अमेरिकी सैनिक तैनात हैं। तस्वीर में चेन से बनी सुरक्षा दीवार के पीछे सेना के मालवाहक विमान को देखा जा सकता है।
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘रनवे खुल गया है। मैं विमानों को उड़ान भरते और उतरते देख रहा हूं।’’
फ्लाइट ट्रैकिंग डेटा के मुताबिक रात में अमेरिकी नौसेना कमान का केसी-130जे हरक्युलिस विमान काबुल हवाई अड्डे पर उतरा और इसके बाद कतर स्थित अमेरिकी ठिकाने अल उदेद के लिए रवाना हो गया। यह अमेरिकी सेना के मध्य कमान का मुख्यालय है।
वहीं, जर्मनी के विदेश मंत्रालय ने कहा कि पहला जर्मन सैन्य परिवहन विमान काबुल उतरा है लेकिन दोबारा उड़ान भरने से पहले वह केवल सात लोगों को ही विमान में सवार करा सका। मंत्रालय ने कहा, ‘‘ हवाई अड्डे पर अफरा-तफरी के माहौल और पिछली रात से रास्तों पर हो रही गोलीबारी की वजह से जर्मन सेना की सुरक्षा के बिना जर्मन नागरिकों और अन्य का हवाई अड्डे तक पहुंचना संभव नहीं था।’’
स्वीडन की विदेश मंत्री मंत्री ऐन लिंडे ने मंगलवार को ट्वीट कर बताया कि काबुल स्थित स्वीडिश दूतावास के कर्मचारी स्वीडन लौट चुके हैं।
इस बीच, माना जा रहा है कि तालिबान की पूर्व राष्ट्रपति हमिद करजई और बातचीत परिषद के पूर्व अध्यक्ष अब्दुल्ला अब्दुल्ला सहित अफगान सरकार के कई अधिकारियों से बातचीत चल रही है। राष्ट्रपति अशरफ गनी पहले ही देश छोड़ चुके हैं।
इस बातचीत की जानकारी रखने वाले अधिकारी ने पहचान गोपनीय रखते हुए बताया कि वरिष्ठ तालिबान नेता अमीर खान मुत्ताकी कतर से काबुल पहुंच चुका है। पिछली तालिबान सरकार में मुत्ताकी उच्च शिक्षा मंत्री था। मुत्ताकी ने गनी के देश छोड़ने से पहले से ही अफगान नेताओं से संपर्क करना शुरू कर दिया था।