तिरहुत डेस्क (नई दिल्ली)। पूर्व रेल मंत्री और राजद अध्यक्ष लालू यादव और उनके परिवार के सदस्यों से प्रवर्तन निदेशालय द्वारा की जा रही पूछताछ को लेकर राजद ने भाजपा पर निशाना साधा है। वहीं, सत्ता पक्ष इसे न्यायिक प्रक्रिया बता रहा है।
दरअसल, ईडी पूर्व रेल मंत्री लालू यादव से बुधवार को लैंड फॉर जॉब मामले में पूछताछ कर रही है। इससे पहले मंगलवार को ईडी ने बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री रेबड़ी देवी और उनके बेटे तेजप्रताप यादव से पूछताछ की थी।
बिहार सरकार में मंत्री अशोक चौधरी ने इस मामले पर कहा कि यदि कोई भी एफआईआर दर्ज की जाती है, तो अदालत से राहत ली जाती है या जांच प्रक्रिया से गुजरना होता है। लैंड फॉर जॉब में लालू यादव के साथ भी वही हो रहा है। अदालत ने उन्हें राहत नहीं दी होगी। अगर आपको चुनाव में जाना है, तो सुप्रीम कोर्ट से राहत लेनी चाहिए थी।”
वहीं, राजद विधायक राकेश रौशन ने भाजपा पर जांच एजेंसियों के जरिए परेशान करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि ईडी, सीबीआई के माध्यम से लालू यादव और उनके परिवार को परेशान करने का काम किया जा रहा है। सरकार का इकबाल समाप्त हो रहा है, तो विपक्ष को परेशान करने के लिए कार्रवाई की जा रही है। लेकिन हम लोग डरने वाले नहीं हैं। मामला कोर्ट में है।
राजद विधायक ऋषि कुमार ने कहा कि यह कोई नई बात नहीं है। पहले भी पूछताछ हुई है। समय को देखिए। चुनाव नजदीक हैं, तो पूछताछ तेज हो गई है। इससे हम घबराने वाले नहीं हैं। अब तक हम लोगों ने संघर्ष किया है और आगे भी करेंगे।
राजद के विधायक सतीश दास ने कहा कि जिस तरह व्यक्ति शरीर के लिए तमाम टेस्ट करवाता है, उसी तरह भारत सरकार राजद परिवार का समय-समय पर टेस्ट करती रहती है। यह रूटीन टेस्ट है, इससे हम लोग घबराते नहीं हैं। हाल में ही एक सर्वे ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि तेजस्वी यादव को 41 प्रतिशत लोग बतौर मुख्यमंत्री देखना चाहते हैं। ऐसे में उनकी छवि को गिराने के लिए यह हथकंडा है।
इधर, भाजपा विधायक हरिभूषण ठाकुर ने लालू यादव से ईडी की पूछताछ पर कहा कि कानून के हाथ इतने लंबे होते हैं कि कोई भी गलत करके बच नहीं सकता है। आज कानून अपने हिसाब से काम कर रहा है। लालू यादव पहली बार जब जेल गए थे, तब भाजपा की सरकार नहीं थी। ईडी स्वतंत्र संस्था है। जो भी आय से अधिक संपत्ति अर्जित करेगा, जांच होगी। इसका चुनाव से कोई लेना-देना नहीं है।