तिरहुत डेस्क (नई दिल्ली)। बिहार के बख्तियारपुर में मुख्यमंत्री की सुरक्षा भंग होने के एक दिन बाद राजद नेताओं ने सोमवार को बिहार के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) एस.के. सिंघल को बर्खास्त करने की मांग की। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के विधायक ललित यादव ने सोमवार को विधानसभा में सुरक्षा चूक का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि अगर मुख्यमंत्री राज्य में सुरक्षित नहीं हैं, तो हम कैसे उम्मीद करें कि राज्य के आम लोग सुरक्षित रहेंगे।
यादव ने कहा, “यह एक गंभीर सुरक्षा चूक है। हमारे मुख्यमंत्री की सुरक्षा से पूरी तरह से समझौता किया गया है। अगर हम अपने मुख्यमंत्री की रक्षा नहीं करते हैं, तो विशेष शाखा और डीजीपी की प्रासंगिकता क्या होगी। इसलिए, हमने पुलिस महानिदेशक संजीव कुमार सिंघल को बर्खास्त करने की मांग की है।”
विधानसभा में उनके तर्क के बाद, स्पीकर विजय सिन्हा ने भी इस चूक पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद से सदन को घटना की जानकारी देने को कहा।
प्रसाद ने भी घटना पर चिंता जताते हुए कहा कि घटना बेहद दर्दनाक है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार स्थिति का विश्लेषण कर रही है और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति से बचने के उपाय कर रही है।
हालांकि, विपक्षी नेता उपमुख्यमंत्री के जवाब से संतुष्ट नहीं हुए और उन्होंने नारेबाजी की।
शनिवार को मानसिक रूप से विक्षिप्त व्यक्ति शंकर कुमार वर्मा उर्फ छोटू सुरक्षा भंग कर ऊपर चला गया, जहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बख्तियारपुर बाजार में महान स्वतंत्रता सेनानी और सामाजिक कार्यकर्ता पंडित शील भद्र याजी की प्रतिमा को श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे थे।
वर्मा नीतीश कुमार को पीछे से घूंसा मार दिया। जिसके बाद सुरक्षाकर्मियों ने तुरंत उसे पकड़ लिया और हिरासत में ले लिया।
मुख्यमंत्री ने हालांकि सुरक्षाकर्मियों से उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं करने को कहा। उन्होंने सुरक्षाकर्मियों से उसकी समस्या का समाधान करने को भी कहा और साथ ही उनका इलाज कराने को भी कहा है।
इस बीच बख्तियारपुर के व्यापारियों ने शहर को बंद करने का फैसला किया। उन्होंने काले रिबन पहनकर बाजार में मुख्यमंत्री के प्रति सम्मान दिखाने के लिए विरोध मार्च भी निकाला।