Saturday, December 28, 2024

बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ कोलकाता में रैली, वैश्विक समुदाय से हस्तक्षेप की मांग

तिरहुत डेस्क (नई दिल्ली)। पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार और चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के खिलाफ कोलकाता के जादवपुर संतानी परिषद ने रैली निकाली। पश्चिम बंगाल विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी के नेतृत्व में यह विरोध रैली दक्षिण कोलकाता के बाघा जतिन से जादवपुर 8बी बस स्टैंड तक निकाली गई।

विरोध रैली को लेकर सुवेंदु अधिकारी ने कहा, “कल शुक्रवार था और कल बांग्लादेश में फिर से अत्याचार हुआ। पूरे चटगांव में हिंदुओं को फिर से उनके घरों में बंद कर दिया गया। वैष्णव समाज के लोगों के गले से कंठी माला छीन ली गई और वे सभी को कार्यालयों, स्कूलों, कॉलेजों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों में जाने से रोक रहे हैं। चटगांव से लेकर रोंगपुर तक, हिंदू बहुल इलाकों में कल बहुत अत्याचार हुआ। काली माता मंदिर, दुर्गा माता मंदिर, बाबा लोकनाथ ब्रह्मचारी मंदिर और इस्कॉन मंदिर सहित हमारे 11 मंदिरों को तोड़ दिया गया। वहां का प्रशासन, आर्मी और मोहम्मद यूनुस की सरकार उनको समर्थन और सुरक्षा दे रही है। पूरा बांग्लादेश उग्रवादी और कट्टरपंथी ताकतों के हाथों में चला गया है।

चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी और उनसे जुड़े लोगों के बैंक खाते फ्रीज करने को लेकर उन्होंने कहा, वैश्विक समुदाय को इसमें हस्तक्षेप करना चाहिए। आज दुनिया के सबसे बड़े सामाजिक संगठन आरएसएस ने बयान दिया है और हम उससे खुश हैं। हमें उम्मीद है कि वैश्विक समुदाय और आरएसएस के नेतृत्व में भारत सरकार इस मामले में कुछ करवाएगी।

तृणमूल कांग्रेस के वक्फ संशोधन अधिनियम की खिलाफत पर भाजपा नेता ने कहा कि यह तुष्टिकरण की राजनीति है। यह मामला जेपीसी में विचाराधीन है। जेपीसी की रिपोर्ट नहीं आई है। ये लोग बंगाल में सांप्रदायिक तनाव पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। मंत्री सिद्दीकुल्लाह कह रहे हैं कि “हम दो, हमारे चार”। विधानसभा के पटल पर यह मंत्री का खुला भाषण है। वह जनसंख्या जिहाद की बात कर रहे हैं। राज्यपाल को तुरंत इस मंत्री को बर्खास्त करना चाहिए।

प्रदर्शन रैली में शामिल मौमिता दास ने कहा, “सुवेंदु अधिकारी के नेतृत्व में हमारी यह विरोध रैली बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ है। बांग्लादेश में हमारे हिंदुओं पर 1971 से अत्याचार हो रहे थे। बांग्लादेश की आजादी के बाद हिंदुओं का प्रतिशत सात तक आ गया है। बांग्लादेश में हमारे राष्ट्रीय ध्वज का अपमान किया गया है, जिसे हम बर्दाश्त नहीं करेंगे।”

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