तिरहुत डेस्क (नई दिल्ली)। हिमाचल प्रदेश में 2022 के विधानसभा चुनाव में पार्टी को जीत दिलाने के बाद कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की नई टीम में चुनाव प्रबंधक की भूमिका निभा सकती हैं। राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर के साथ बातचीत के दौरान चुनाव प्रबंधन टीम गठित करने का विचार आया और कहा गया कि पीके को प्रतिष्ठित पद मिल सकता है लेकिन बात नहीं बनी।
प्रियंका गांधी के करीबी सूत्रों ने इस तरह के कदम से इनकार करते हुए कहा कि यह पूरी तरह से पार्टी अध्यक्ष का फैसला है।
प्रियंका गांधी यूपी की प्रभारी महासचिव हैं जहां पार्टी के पास केवल एक सांसद और दो विधायक हैं और बड़ी चुनौती 2024 के आम चुनाव में है।
कांग्रेस वर्किं ग कमेटी (सीडब्ल्यूसी) को सभी राज्यों से प्रतिनिधित्व दिया जाएगा और किसी भी राज्य को बड़ा हिस्सा नहीं मिलेगा। निवर्तमान विस्तारित सीडब्ल्यूसी में दिल्ली, केरल, राजस्थान और कर्नाटक की पार्टी में प्रमुख हिस्सेदारी थी।
कांग्रेस इस साल प्रमुख चुनावों का सामना करने जा रही है जिसमें कर्नाटक (मई) और इस साल के अंत में मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के राज्य चुनाव शामिल हैं।
रायपुर में कांग्रेस की संचालन समिति ने सीडब्ल्यूसी के चुनाव नहीं कराने का फैसला किया था और पार्टी अध्यक्ष को इसके गठन के लिए अधिकृत किया गया था।
पार्टी के प्रभारी महासचिव संचार जयराम रमेश ने कहा था, ‘कांग्रेस अध्यक्ष को नए सीडब्ल्यूसी के गठन के लिए अधिकृत करने के लिए सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया।’
कांग्रेस ने अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक और महिलाओं को 50 फीसदी आरक्षण देने का फैसला किया है।
कांग्रेस ने राज्य स्तर (पीसीसी) और राष्ट्रीय स्तर (एआईसीसी) के प्रतिनिधियों सहित पार्टी के सभी पदों पर अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, महिलाओं और अल्पसंख्यकों के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण सुनिश्चित करने के लिए पार्टी के संविधान में संशोधन किया है।
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