तिरहुत डेस्क (नई दिल्ली)। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता के बाद सोमवार शाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को संबोधित किया। रक्षा विशेषज्ञ जी.जे. सिंह ने कहा कि यह देश के इतिहास में किसी भी प्रधानमंत्री की ओर से दी गई सबसे सशक्त स्पीच है।
प्रधानमंत्री ने साफ बताया कि आज का भारत क्या है और स्पष्ट किया कि आतंकवाद और वार्ता, आतंकवाद और व्यापार एक साथ नहीं चल सकते, और न ही खून और पानी एक साथ बह सकते हैं।
अमेरिका की मध्यस्थता पर रक्षा विशेषज्ञ ने कहा कि कश्मीर के लिए किसी तीसरे की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने अमेरिका को स्पष्ट संदेश दिया है कि हमें किसी तीसरे पक्ष की जरूरत नहीं है, हम कोई मध्यस्थता नहीं चाहते हैं। यह एक तरह से ट्रंप के दावे का खंडन करता है, जिन्होंने कहा था कि उन्होंने स्थिति को सुलझाया।
जी.जे. सिंह ने कहा कि वास्तव में, पाकिस्तान ने बार-बार भारत के डीजीएमओ से अनुरोध किया और हमसे ऑपरेशन रोकने की गुहार लगाई। इस दौरान हमने कुछ दया दिखाई और इसे रोक दिया। यदि ऑपरेशन जारी रहता तो कोई नहीं जानता कि पाकिस्तान का क्या होता।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के साथ युद्धविराम जरूरी था। हमें अपने देश को बड़ा करना है। प्रधानमंत्री ने बड़ा ही नपा-तुला फैसला लिया है। हम विकास की ओर आगे बढ़ रहे हैं। हम नहीं चाहते कि पाकिस्तान पूरी तरह से खत्म हो जाए। हमारी एक ही नीति रही है कि हम अपनी अर्थव्यवस्था को विकसित कर रहे हैं, आप को जो करना है कीजिए, लेकिन हमें मत छेड़िए।
उन्होंने कहा कि भारत तकनीक में बहुत आगे बढ़ गया है। देश में बनी ब्रह्मोस मिसाइल ने आतंक के नौ ठिकानों को तहस-नहस कर दिया है। उन्होंने कहा कि भारत पर काफी दबाव होने के बाद भी मिसाइल बनाने में हमने बहुत तरक्की की है।
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