तिरहुत डेस्क (नई दिल्ली)। झारखंड हाईकोर्ट में गुरुवार को सुबह 9:15 बजे से लेकर लगभग 11:00 बजे तक बिजली की सप्लाई पूरी तरह गुल रही। इस कारण अदालती कार्यवाही प्रभावित हुई।
हाईकोर्ट ने इसपर गहरी नाराजगी जाहिर करते हुए राज्य के मुख्य सचिव और ऊर्जा सचिव को तत्काल तलब किया। दोनों शीर्ष अधिकारी चीफ जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की अध्यक्षता वाली बेंच के सामने हाजिर हुए।
कोर्ट ने मुख्य सचिव और ऊर्जा सचिव से कहा कि हाईकोर्ट में अगर किसी तकनीकी गड़बड़ी की वजह से पावर कट होता है, तो तत्काल किसी वैकल्पिक व्यवस्था के तहत बिजली बहाल हो सके और अदालती कार्यवाही सुचारू रूप से चल सके। दोनों शीर्ष अधिकारियों ने कोर्ट को आश्वस्त किया कि बिजली के लिए वैकल्पिक व्यवस्था के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।
भविष्य में ऐसी स्थिति उत्पन्न न हो, इसका पूरा ध्यान रखा जाएगा। बताया गया कि केबल में फॉल्ट की वजह से बिजली की सप्लाई ठप हो गई थी। इसकी वजह से कोर्ट रूम सहित अन्य जगहों पर अंधेरा छा गया। कोर्ट बिल्डिंग का एस्केलेटर भी निष्क्रिय हो गया।
बता दें कि लगभग 600 करोड़ की लागत से बना झारखंड हाईकोर्ट का भवन देश का सबसे बड़ा न्यायिक परिसर है। इसका क्षेत्रफल सुप्रीम कोर्ट के कैंपस से भी साढ़े तीन गुना ज्यादा है। इसके लिए झारखंड सरकार की ओर से 165 एकड़ जमीन उपलब्ध कराई गई। इसका उद्घाटन पिछले साल 24 मई को भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने किया था।