Friday, September 20, 2024

जहरीली शराब ने ली 21 लोगों की जान, घटना को लेकर अपोजिशन हमलावर, सरकार और अपोजिशन दोनों कर रही है घटने पर सियासत

तिरहुत डेस्क (नई दिल्ली)। बिहार के सारण जिले में जहरीली शराब पीने से अब तक 21 लोगों की मौतें हो चुकी हैं इस घटना से पूरे बिहार में हाहाकार मची हुई है अपोजिशन सरकार पर निशाना साधने में लगी हुई है और सरकार शराब के नुकसान को बताने में लगी हुई है। इन 21 लोगों की मौतों के कारण सरकार और विपक्ष विधानसभा के सदन में भी एक दूसरे पर हमलावर है। आज विधानसभा में अपोजिशन ने जहरीली शराब का मुद्दा उठाया और सरकार से जवाब तलब किया। लेकिन घटने का जवाब देने के बजाय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विपक्ष के हमले से अपना आपा खो बैठे और भाजपा के विधायकों को ही शराबी बता दिया। यही नहीं बल्कि नीतीश ने भाजपा के नेताओं को विधानसभा से बाहर भिजवाने तक की बात कर डाली। अब वास्तविक सिचुएशन विधानसभा की क्या थी, किस बात पर नीतीश कुमार को इतना गुस्सा आया, विपक्ष ने किस लहजे में सवाल पूछा यह तो विधानसभा के अंदर बैठे लोग ही बेहतर जानते हैं, लेकिन इतने बड़े घटना के बाद नितीश कुमार का इस तरह आपा खोना दुरुस्त नहीं लगता। इसको लेकर पूर्व विधानसभा स्पीकर और अपोजिशन लीडर विजय सिन्हा ने नीतीश कुमार से माफी का मुतालबा किया है।

जहरीली शराब की घटना पर सत्ताधारी नेताओं का बयान
बिहार राज्य के वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी ने इस जहरीली शराब कांड पर ध्यान देते हुए कहा कि जहरीली शराब किस घटना में हुई मौतों से पता चलता है कि शराब विनाशक है, शराब में कितना नुकसान है यह इस घटना से पता चलता है। उन्होंने कहा कि इस घटना से पता चलता है कि शराब वाकई स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। इस घटना पर उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा है कि जब शराबबंदी बिहार में नहीं थी तब भी लोग जहरीली शराब से मरते थे लेकिन बीजेपी 15 साल तक बिहार में काबिज रही है। बीजेपी ने क्या किया? आज BJP को याद रहा है।

जहरीली शराब पर सियासत
जहरीली शराब में हुई 21 लोगों की मौतें वाकई बिहार के लिए अफसोस जनक है और इससे बिहार मर्माहत है। लेकिन इमानदारी से देखा जाए तो सरकार या विपक्ष दोनों ही तरफ से सभी लोग इस घटना पर मात्र सियासत करते ही नजर आ रहे हैं। इस घटना को लेकर किसी की भी नियत साफ नहीं है। एक तरफ सरकार शराबबंदी को बरकरार रखने के लिए अडिग है जो बहुत हद तक समाज के हित में है, वहीं दूसरी तरफ भाजपा शराबबंदी को विफल करार देकर या तो इस बंदी को खत्म करना चाहती है या फिर इसमें संशोधन चाहती है। जहरीली शराब से हुई अब तक की मौतों से ना तो विपक्ष को लेना देना है और नहीं सरकार के दिल में उनके लिए कोई दर्द है।

जहरीली शराब के इस कहर ने अब तक 21 लोगों को मौत की नींद तो सुना ही दिया है मगर अब भी आधा दर्जन लोग जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं जिनका उपचार सदर अस्पताल एवं पटना के पीएमसीएच में चल रहा है। मृतकों के कई परिजन बीमारी से मौत होने की भी बात बता रहे हैं। पुलिस प्रशासन इस घटना पर कुछ भी बताने से इंकार कर रहा है। पुलिस कप्तान संतोष कुमार ने बताया कि पूरे मामले की अभी पड़ताल की जा रही है।

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