तिरहुत डेस्क (नई दिल्ली)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टाटा संस के मानद चेयरमैन रतन टाटा के निधन पर दुख व्यक्त किया है। उनका उम्र संबंधी बीमारियों के कारण बुधवार को ब्रीच कैंडी अस्पताल में निधन हो गया।
प्रधानमंत्री ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, “मुझे श्री रतन टाटा जी के साथ अनगिनत बातचीत याद आ रहे हैं। जब मैं गुजरात का मुख्यमंत्री था तो मैं उनसे अक्सर मिलता था। हम विभिन्न मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान करते थे। मुझे उनका दृष्टिकोण बहुत समृद्ध लगा। जब मैं दिल्ली आया तो यह बातचीत जारी रही। उनके निधन से बेहद दुख हुआ। इस दुख की घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार, दोस्तों और प्रशंसकों के साथ हैं।”
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी दुख व्यक्त करते हुए कहा कि रतन टाटा को अर्थव्यवस्था में उनके योगदान के लिए जाना जाएगा। उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, “श्री रतन टाटा के निधन से दुखी हूं। वह भारतीय उद्योग के दिग्गज थे, जो हमारी अर्थव्यवस्था, व्यापार और उद्योग में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए जाने जाते थे। उनके परिवार, दोस्तों और प्रशंसकों के प्रति मेरी गहरी संवेदना है। उनकी आत्मा को शांति मिले।”
टाटा को सोमवार को अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जिसके बाद कॉर्पोरेट, राजनीतिक और आम हलकों में उनके स्वास्थ्य की स्थिति पर अटकलें तेज हो गईं।
बाद में, उन्होंने एक बयान जारी किया था कि वह उम्र से संबंधित बीमारियों के लिए कुछ नियमित चिकित्सा जांच से गुजर रहे हैं।
इसके बाद, कथित तौर पर उन्हें जीवन रक्षक प्रणाली पर रखा गया था, हालांकि टाटा समूह के अधिकारियों ने किसी भी बात की पुष्टि या खंडन नहीं किया।
टाटा संस के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन ने उनके निधन के बाद कहा “हम अत्यंत क्षति की भावना के साथ श्री रतन नवल टाटा को विदाई दे रहे हैं। वह वास्तव में एक असाधारण नेता हैं जिनके अतुलनीय योगदान ने न केवल टाटा समूह बल्कि हमारे राष्ट्र के मूल ढांचे को भी आकार दिया है।
“टाटा समूह के लिए श्री टाटा एक चेयरपर्सन से कहीं अधिक थे। मेरे लिए वह एक गुरु, मार्गदर्शक और मित्र थे। उन्होंने उदाहरण पेश कर प्रेरित किया। उत्कृष्टता, अखंडता और नवाचार के प्रति अटूट प्रतिबद्धता के साथ टाटा समूह ने उनके नेतृत्व में अपने वैश्विक पदचिह्न का विस्तार किया। वह हमेशा अपने नैतिक सिद्धांतों के प्रति सच्चे रहे।”
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