तिरहुत डेस्क (नई दिल्ली)। अमेरिका दौरे के दौरान पीएम मोदी ने राष्ट्रपति जो बाइडेन को चांदी से बनी एक ट्रेन भेंट की। महाराष्ट्र के कारीगरों ने इस ट्रेन मॉडल को आकार दिया है।
इसमें 92.5% चांदी का प्रयोग किया गया है। ये गुजरे हुए वक्त और आज के समय का अद्भुत नमूना है। पारंपरिक तकनीकों का उपयोग करते हुए इसे तैयार किया गया है। यह मॉडल ऐतिहासिक महत्व और भारत की प्रतिभा को दर्शाता है।
भारत और अमेरिका के बीच मजबूत संबंधों को दर्शाने की कोशिश इस ट्रेन मॉडल में साफ दिखती है। इंजन के किनारों पर अंग्रेजी और हिंदी में भारतीय रेलवे लिखा गया है।
इसमें दिल्ली और डेलावेयर को जोड़ने वाले शिलालेखों के साथ भारतीय रेलवे की विरासत और उसके कलात्मकता कौशल को दिखाया गया है।
यह उत्कृष्ट कृति न केवल कारीगरों के असाधारण कौशल को उजागर करती है बल्कि भारतीय रेलवे के लंबे इतिहास और इसके वैश्विक प्रभावों का एक शानदार प्रमाण भी देती है।
भारत के बढ़ते रसूख और विश्व मंच पर धमाकेदार उपस्थिति को दर्शाता एक और घटनाक्रम चर्चा में है। क्वाड सम्मेलन में शिरकत करने अमेरिका पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी को 297 प्राचीन वस्तुएं राष्ट्रपति जो बाइडेन ने सौंपी। जिसके साथ ही 2014 से अब तक भारत को सौंपी गई कुल प्राचीन वस्तुओं की संख्या 640 हो गई है।
अकेले अमेरिका ने 578 वस्तुएं वापस की हैं। इस उपलब्धि को भारत द्वारा अपनी सांस्कृतिक विरासत को कायम रखने के तौर पर देखा जा रहा है।
2021 में पीएम मोदी के अमेरिका यात्रा के दौरान, सरकार द्वारा 157 पुरावशेष सौंपे गए थे। जिनमें 12वीं शताब्दी की कांस्य नटराज प्रतिमा भी शामिल थी।
क्वाड सम्मेलन के पहले दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘क्वाड कैंसर मूनशॉट’ पहल के तहत सैंपलिंग किट, डिटेक्शन किट और टीकों के लिए 7.5 मिलियन डॉलर के योगदान की घोषणा की।
उन्होंने कहा कि भारत अपना अनुभव और विशेषज्ञता शेयर करने को तैयार है। भारत का विजन है “वन अर्थ, वन हेल्थ”। इसी भावना से, मैं क्वाड मूनशॉट पहल के तहत 7.5 मिलियन डॉलर के सैंपलिंग किट्स, डिटेक्शन किट्स और वैक्सीन्स का सहयोग देने की घोषणा करता हूं। रेडियोथेरेपी ट्रीटमेंट और कैपेसिटी बिल्डिंग में भी भारत सहयोग देगा।
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