तिरहुत डेस्क (नई दिल्ली)। किसानों द्वारा पराली जलाए जाने के मामलों को लेकर कृषि विभाग सख्त है। अब तक 19 किसानों पर मुकदमा दर्ज किया जा चुका है। इसके अलावा, पराली जलाने वाले किसानों से 55 हजार रुपये का जुर्माना वसूला जा चुका है। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग पलवल के सहायक तकनीकी प्रबंधक अतुल कुमार शर्मा ने यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा, “जिला उपायुक्त डॉ. हरीश कुमार वशिष्ठ ने फसल अवशेष प्रबंधन स्कीम के तहत नियुक्त ग्राम स्तरीय नोडल अधिकारी, खंड स्तरीय निगरानी टीम और उप-मंडल स्तरीय निगरानी टीम के अधिकारियों और कर्मचारियों को निर्देश दिए हैं कि वे अपने-अपने कार्यक्षेत्र में हर समय फील्ड में तैनात रहें। जिन किसानों द्वारा आगजनी की जा रही है, उनके विरुद्ध एनजीटी के दिशा-निर्देशानुसार कार्रवाई की जाए।”
उन्होंने कहा, “विभाग की टीमों द्वारा किसानों को पराली में आग लगाने से होने वाले नुकसान के बारे में जानकारी दी जा रही है और पराली में आग न लगाने को लेकर जागरूक किया जा रहा है, क्योंकि इससे न केवल वातावरण प्रदूषित होता है, बल्कि भूमि में उपस्थित मित्र कीट व अन्य लाभदायक जीवाणु नष्ट हो जाते हैं, जो कि भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ाने में सहायक होते हैं।”
उन्होंने कहा, “लोकेशन के आधार पर अब तक 19 किसानों के खिलाफ पराली में आग लगाने को लेकर 55 हजार रुपये जुर्माना लगाया गया है। साथ ही पांच किसानों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज करवाई गई है। टीमों द्वारा किसानों को पराली न जलाने को लेकर जागरूक किया जा रहा है, जिसके सकारात्मक परिणाम भी देखने को मिल रहे हैं। किसान कृषि यंत्रों द्वारा पराली का उचित प्रबंधन करके उसे खेत में ही मिला रहे हैं। इसके अलावा टीमों द्वारा भी खेतों में निगरानी रखी जा रही है, ताकि कोई किसान पराली में आगजनी न कर पाए।”
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