तिरहुत डेस्क (नई दिल्ली)। बिहार में प्रश्नपत्र लीक होने के कई मामले सामने आने के बाद सरकार अब एक्शन में नजर आ रही है। आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) को और सक्षम बनाया जा रहा। इसके तहत अब अभियुक्तों की संपत्ति भी जब्त की जाएगी।
अपर पुलिस महानिदेशक कुंदन कृष्णन ने यहां पुलिस मुख्यालय में आयोजित एक प्रेस वार्ता में बताया कि 2012 से अब तक 10 परीक्षाओं के मामले में ईओयू ने जांच की है। इसमें अब तक 545 अभियुक्तों की गिरफ्तारी की गई और 249 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार ने इन मामलों को लेकर मॉडल एक्ट लागू किया है जिसके तहत राज्य में बिहार लोक परीक्षा अनुसूचित संधारण अधिनियम निवारण कानून लागू है। हाल ही में सीएचओ परीक्षा लीक मामले में यह कानून लागू किया गया है। ईओयू को और सुदृढ़ किया जा रहा है। ईओयू परीक्षा लेने वाले विभागों को सलाह भी दे रही है।
कुंदन कृष्णन ने बताया कि एक डाटा बैंक बनाया जा रहा है जिसमें सभी संगठित गिरोहों की पूरी जानकारी होगी। उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि जो भी संगठित गिरोह परीक्षा के माध्यम से संपत्ति अर्जित करेंगे उनकी संपत्ति भी जब्त की जाएगी।
उन्होंने लोगों से भी परीक्षा में अनियमितता या किसी प्रकार की प्रश्न पत्र लीक की सूचना उपलब्ध कराने की अपील की। भ्रामक समाचारों पर नजर रखी जा रही है।
उन्होंने साफ कहा कि बिहार लोकसेवा आयोग का परीक्षा में कोई प्रश्न पत्र लीक नहीं हुआ है। जिन केंद्रों पर हुड़दंग की घटना हुई है, उसमें जिला प्रशासन और पुलिस कारवाई करने को लेकर सक्षम है।
उन्होंने छात्रों को आश्वासन दिया कि ऐसे मामलों को रोकने के लिए ईआईयू कारवाई कर रही है।
इधर, बताया गया कि बिहार लोक सेवा आयोग की हाल ही में हुई परीक्षा में हंगामे के पीछे तीन प्रमुख कोचिंग संस्थानों की भूमिका सामने आई है। इन कोचिंग संस्थानों ने अपना स्वार्थ साधने के लिए छात्रों को गुमराह किया और उन्हें हंगामा करने के लिए उकसाया। यह हंगामा बीपीएससी की छवि को धूमिल करने और परीक्षा प्रक्रिया पर सवाल खड़े करने की साजिश का हिस्सा था।