तिरहुत डेस्क (नई दिल्ली)। नीतीश सरकार ने बिहार के सभी वार्ड सदस्यों को बड़ा झटका दिया है। अब तक बिहार में नल-जल योजना का सारा काम वार्ड सदस्यों के जिम्मे था, लेकिन अब से नल-जल योजना की जिम्मेवारी ग्रामीण स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग यानि पीएचईडी विभाग को दे दिया है। आज कैबिनेट की बैठक में इस फैसले पर मुहर लगा दी गयी है।
विदित हो कि मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल जो सात निश्चय योजना के तहत आता है उसमें पहले से ये प्रावधान था कि हर घर नल का जल पहुंचाने से लेकर उसके रखरखाव का जिम्मा वार्ड क्रियान्वयन और प्रबंधन समिति का होगा। लेकिन सरकार को लगातार इसमें भ्रष्टाचार से लेकर दूसरी गड़बड़ी की शिकायत मिल रही थी।
इसके बाद राज्य सरकार ने मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कमेटी बनाकर पेयजल योजनाओं के संचालन और रख-रखाव पर रिपोर्ट मांगी थी। इस कमेटी ने पेयजल के लिए विशेषज्ञ लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग को काम सौंपे जाने की सिफारिश की थी। इसके बाद राज्य कैबिनेट ने फैसला लिया कि हर घर नल का जल योजना का काम पीएचईडी विभाग करेगा। पीएचईडी विभाग समय पर क्लोरीनेशन और स्वच्छ जल उपलब्ध कराने की अन्य महत्त्वपूर्ण कार्रवाई की।
राज्य सरकार ने कहा है कि पेयजल आपूर्ति योजना के संचालन और रख-रखाव के लिए अलग-अलग नीति होने के कारण एकरूपता की कमी देखी जा रही थी। ऐसे में पंचायती राज विभाग के नियंत्रण में ग्रामीण वार्डों के 67355 जलापूर्ति योजनाओं के संचालन और रख-रखाव का काम लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग को हस्तांतरित किये जाने का फैसला लिया गया है।
सरकार ने इसकी पूरी प्रक्रिया तय की है. नल-जल योजनाओं को अपने जिम्मे लेने से पहले लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग सभी तैयारियाँ पूरी कर लेगा और उस मुताबिक निर्धारित तिथि से हस्तांतरण की कार्रवाई की जाएगी। पंचायती राज विभाग अपनी योजनाओं का पूरा डिटेल तैयार करेगा। लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग और पंचायती राज विभाग द्वारा योजनाओं का संयुक्त निरीक्षण कर अद्यतन स्थिति का संयुक्त प्रतिवेदन तैयार किया जाएगा।
इसके बाद पूर्ण और पूरी तरह से चालू योजनाओं को पंचायती राज विभाग द्वारा लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग को जहां हैं-जैसा है कि स्थिति में हस्तांतरित किया जाएगा। वर्त्तमान में बंद या आंशिक चालू योजनाओं को पंचायती राज विभाग द्वारा चालू कर हस्तांतरित किया जाएगा। अपूर्ण योजनाओं को पंचायती राज विभाग द्वारा पूर्ण कर चालू किया जाएगा और तब उन्हें लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग को हस्तांतरित किया जाएगा।