तिरहुत डेस्क (नई दिल्ली)। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की एक टीम सोमवार को बिहार के दरभंगा रेलवे स्टेशन पर 17 जून को पार्सल बैग में हुए विस्फोट के मामले की जांच करने पहुंची और उसने कई लोगों से पूछताछ की।
एनआईए सूत्रों के मुताबिक, आतंकवाद निरोधी जांच एजेंसी की छह सदस्यीय टीम दरभंगा स्टेशन पहुंची और सरकारी रेल पुलिस (जीआरपी), रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के कई अधिकारियों और पार्सल अधिकारियों से मुलाकात की।
सूत्र ने बताया कि एजेंसी की टीम ने 17 जून को हुए विस्फोट के बारे में रेलवे के अधिकारियों से लंबी बातचीत की।
एनआईए ने मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें इमरान मलिक और मोहम्मद नासिर खान (दोनों भाई) और हैदराबाद से लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के सदस्य शामिल हैं। इनमें उत्तर प्रदेश के कैराना निवासी मोहम्मद सलीम अहमद उर्फ हाजी सलीम और काफिल उर्फ कफील को कैराना से गिरफ्तार किया गया है।
एजेंसी ने पिछले बुधवार को कहा था कि प्रारंभिक जांच से पता चला है कि प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के शीर्ष गुर्गों द्वारा पूरे भारत में आतंकी कृत्यों को अंजाम देने और जान-माल को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचाने की साजिश रची गई थी।
एनआईए ने कहा था कि लश्कर, खान और मलिक के पाकिस्तान स्थित आकाओं के निर्देशों के तहत काम करते हुए एक विस्फोटक आईईडी तैयार किया था और इसे कपड़े के एक पार्सल में पैक किया था और सिकंदराबाद से दरभंगा तक लंबी दूरी की ट्रेन में बुक किया था।
आतंकवाद विरोधी जांच एजेंसी ने यह भी बताया कि इसका उद्देश्य चलती यात्री ट्रेन में विस्फोट और आग लगाना था, जिसके परिणामस्वरूप जान और माल का भारी नुकसान पहुंच सकता था।