तिरहुत डेस्क (नई दिल्ली)। मुंबई में बुधवार को गेटवे ऑफ इंडिया से एलिफेंटा जा रही बोट करंजा के उरण में पलटने से 13 लोगों की मौत हुई थी। वहीं इस हादसे की शिकार हुई नवी मुंबई की रहनेवाली एक महिला की मां ने सरकार से अपील की है कि वह बच्चोंं की पढ़ाई का प्रबंध करे।
महिला अपनी बेटी और बेटे के साथ नवी मुंबई में रहती थी। वह नौकरी करके अपने बच्चों का भरण पोषण करती थी और उन्हें पढ़ाती थी । अचानक मां के चले जाने से बच्चों का भविष्य अंधकार में डूब गया है । अब उनके सामने सवाल खड़ा हो गया है कि उनकी आगे की पढ़ाई कैसे होगी और उनकी देखभाल कौन करेगा ।
बच्चों के पिता गांव में मजदूरी करते है। गांव में अच्छे से भरण पोषण न होने के बाद महिला बच्चों को लेकर मुंबई आ गई थी, ताकि वह अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा दे सके।
वहीं मृतक महिला की मां ने सरकार से गुहार लगाई है कि सरकार इन बच्चों की पढ़ाई का प्रबंध करे, ताकि उनका भविष्य बन जाए।
हादसे में मारी गई महिला कि मां ने कहा, ”मेरी सरकार से यही मांग है कि वह उसके बच्चों की पढ़ाई का जिम्मेदारी ले। मेरी बेटी ने मेहनत करके दोनों बच्चे को हॉस्टल में डाला था।”
बता दें कि मुंबई में बोट हादसे में बीते दिन 110 लोगों को रेस्क्यू किया गया। इसमें 13 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि पांच की हालत गंभीर बनी हुई है। शुरुआती जांच में पता चला है कि किसी ने भी लाइफ जैकेट नहीं पहनी थी।
नीलकमल बोट में 30 यात्री सवार थे। नौसेना, जेएनपीटी, तटरक्षक बल, येलोगेट पुलिस स्टेशन की 3 बोट और स्थानीय मछुआरों की मदद से घटनास्थल पर बचाव और राहत अभियान चलाया गया।
घटना का वीडियो भी सामने आया था, जिसमें देखा जा सकता है कि बोट धीरे-धीरे पानी में डूब रही है। लोगों को लाइफ जैकेट पहनाकर दूसरी नावों में शिफ्ट किया गया था।
बीएमसी आपदा नियंत्रण ने बताया कि जब यह हादसा हुआ तब ‘नीलकमल’ नाम की एक निजी यात्री बोट करीब 110 पर्यटकों और पांच चालक दल के सदस्यों को लेकर विश्व प्रसिद्ध यूनेस्को हेरिटेज एलिफेंटा द्वीप पर जा रही थी। यह दुर्घटना शाम करीब 5.15 बजे हुई थी।