बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने संविधान दिवस के मौके पर समाजवादी पार्टी पर हमला बोला और कहा कि समाजवादी पार्टी से दलित सावधान रहें, वह दलितों का विकास नहीं कर सकती है। इन वर्गों के लोगों को सपा जैसी पार्टियों से जरूर सावधान रहना चाहिए।
मायावती शुक्रवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि ” समाजवादी पार्टी से दलित सावधान रहें वह दलितों का विकास नहीं कर सकती है। इन वर्गों के लोगों को सपा जैसी पार्टियों से जरूर सावधान रहना चाहिए जिसने एससी और एसटी सम्बंधित बिल को संसद में फाड़ दिया था और षड्यंत्र तहत पास भी नहीं होने दिया था। अर्थात सपा जैसी पार्टियां कभी भी इन वर्गों का उत्थान एवं विकास नहीं करना चाहती है।”
उन्होंने कहा कि “देश में गरीबी बढ़ रही है और खासतौर से मध्यम व गरीब लोग बहुत दुखी हैं। केंद्र व राज्य सरकारों को इस पर ध्यान देना चाहिए। दोनों ही इसके प्रति गंभीर नहीं है।”
मायावती ने कृषि कानूनों पर बोलते हुए कहा कि “तीन कृषि कानून वापस कर लिए गए हैं जो बहुत उचित कदम है, लेकिन किसानों की अन्य जरूरी मांगों को भी पूरा कर लेना चाहिए ताकि किसान अपने घरों को खुशी-खुशी वापस लौट सकें।”
मायावती ने कहा कि चूंकि दलितों के विकास पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है इसलिए उन्होंने संविधान दिवस पर होने वाले कार्यक्रम से भी दूरी बनाई है ।
उन्होंने कहा कि केन्द्र की नरेन्द्र मोदी और राज्य सरकारें इस बात की गहन समीक्षा करें कि क्या यह पार्टियां संविधान का सही से पालन कर रही हैं। उन्होंने कहा कि यह लोग इसका सही से पालन नहीं कर रहे हैं, इसलिए हमारी पार्टी ने केन्द्र और राज्य सरकारों के संविधान दिवस मनाने के कार्यक्रम में हिस्सा नहीं लेने का फैसला किया है।
बसपा मुखिया ने कहा कि परम पूजनीय डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी ने भारतीय संविधान में देश के कमजोर एवं उपेक्षित वर्गों को विशेषकर शिक्षा एवं सरकारी नौकरियों आदि में आरक्षण एवं अन्य जरूरी सुविधाओं का प्रावधान किया है। उसका पूरा लाभ इन वर्गों के लोगों को नहीं मिल पा रहा है, जिसको लेकर इन वर्गों के लोग और हमारी पार्टी बहुत ज्यादा दुखी है। केंद्र और राज्य की सभी सरकारें इस वर्ग पर जरूर ध्यान दें यह बीएसपी इनको सलाह देती है।
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कहा कि एससी, एसटी तथा ओबीसी वर्ग का ज्यादातर विभागों में आरक्षण का कोटा अधूरा पड़ा है। एससी एसटी और ओबीसी वर्गों का सरकारी विभागों में अभी भी कोटा अधूरा पड़ा है। शोषित,वंचित एवं गरीब वर्गों के लोगों का आज भी अपने हक के लिए सड़कों पर धरना प्रदर्शन जारी है।
कहा कि प्राइवेट सेक्टर में भी इन वर्गों के लिए आरक्षण देने की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। केंद्र और राज्य सरकारें प्राइवेट सेक्टरों में आरक्षण के मामले को लेकर तैयार नहीं है। क्या केंद्र और राज्य सरकारें संविधान का पालन कर रही है? ऐसी सरकारों को संविधान दिवस मनाने का कतई भी नैतिक अधिकार नहीं है। ऐसी सरकारों को आज इस मौके पर इन वर्गों के लोगों से माफी मांगना चाहिए।
मायावती ने विधायक उमाशंकर सिंह को बसपा दल का नेता बनाने की घोषणा की। दरअसल, गुरूवार को बसपा के विधानमंडल दल नेता गुड्डू जमाली ने बसपा से अपना नाता तोड़ लिया है।