तिरहुत डेस्क (नई दिल्ली)। देश के मशहूर तबला वादक जाकिर हुसैन का 73 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उन्होंने सैन फ्रांसिस्को में अंतिम सांस ली।
तबला वादक के निधन पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शोक जताया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “शास्त्रीय संगीत की दुनिया में अपनी अमिट छाप छोड़ने वाले उस्ताद जाकिर हुसैन के निधन से मुझे अत्यंत दुख पहुंचा है। तबला वादन को अपनी जीवनशैली बनाने वाले जाकिर हुसैन ने अपनी कला की गमक और धमक से भारतीय संगीत को पूरी दुनिया में प्रतिष्ठा दिलाई। उनका निधन कला और संगीत जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है। शोक की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिजनों और प्रशंसकों के साथ हैं।”
मशहूर शायर और कांग्रेस के राज्यसभा सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने एक्स पोस्ट पर लिखा, “अलविदा उस्ताद, कोई जाकिर हुसैन पूरी दुनिया के लिये यूं ही नहीं उस्ताद बन जाता है, आपकी उंगलियां तबले पर थाप देती थीं तो ऐसा लगता था तबला खुद आत्ममुग्ध होकर बज रहा है। आपकी सांसें भले रुक गई लेकिन आपके तबले की थाप इस संसार में अनंत काल तक गूंजती रहेगी।”
बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने एक्स पोस्ट पर लिखा, “उस्ताद जाकिर हुसैन के परलोकगमन से केवल भारत ही नहीं विश्व के संगीत जगत में एक शून्य आ गया है, जिसे कभी भरा नहीं जा सकेगा। एक प्रख्यात तबला वादक के रूप में उन्होंने संगीत को एक नई ऊंचाई दी थी। ईश्वर से मेरी यही प्रार्थना है कि उन्हें अपने श्रीचरणों में स्थान दें और उनके परिजनों व प्रशंसकों को यह दुख धारण करने की शक्ति प्रदान करें।”
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने एक्स पोस्ट पर लिखा, “विश्वविख्यात तबला वादक, पद्म विभूषण उस्ताद जाकिर हुसैन के निधन की खबर से मर्माहत हूं। मरांग बुरु दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें तथा परिजनों एवं प्रशंसकों को यह दुख सहने की शक्ति दें। अंतिम जोहार।”
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने एक्स पर लिखा, “मशहूर तबला वादक और पद्म विभूषण से सम्मानित उस्ताद जाकिर हुसैन के निधन का समाचार बेहद दुखद है। दिवंगत आत्मा को भावभीनी श्रद्धांजलि व परिवारजनों के प्रति गहरी संवेदनाएं।”
भीम आर्मी चीफ और नगीना से लोकसभा सांसद चंद्रशेखर आजाद ने एक्स पोस्ट पर लिखा, “भारतीय संगीत के अद्वितीय रत्न, पद्म विभूषण से सम्मानित महान तबला वादक उस्ताद ज़ाकिर हुसैन का निधन अत्यंत दुखद। मैं विनम्र आदरांजलि अर्पित करता हूं। उनकी कमी संगीत और कला जगत के लिए अपूरणीय है। इस कठिन समय में उनके परिवार, मित्रों और प्रशंसकों के प्रति गहरी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं।”
राष्ट्रीय लोक दल ने एक्स पोस्ट पर लिखा, “भारतीय संगीत के अद्वितीय साधक, विश्व प्रसिद्ध तबला वादक, पद्मविभूषण से सम्मानित उस्ताद जाकिर हुसैन का निधन अत्यंत दुःखद है। भारतीय शास्त्रीय संगीत को उनके निधन से अपूरणीय क्षति हुई है जिसकी भरपाई असम्भव है। ईश्वर उन्हें अपने श्रीचरणों में स्थान दें व उनके परिजनों-शुभचिंतकों को सम्बल प्रदान करें।”
अपने छह दशक के करियर में जाकिर हुसैन ने कई अंतर्राष्ट्रीय और भारतीय कलाकारों के साथ काम किया। 1973 में उन्होंने अंग्रेजी गिटारवादक जॉन मैकलॉघलिन, वायलिन वादक एल शंकर और तालवादक टीएच ‘विक्कू’ विनायकराम के साथ एक संगीत प्रोजेक्ट पर भी काम किया, जिसमें भारतीय शास्त्रीय और जैज को फ्यूजन के साथ सामने लाया।
जाकिर हुसैन ने अपने करियर में रविशंकर, अली अकबर खान और शिवकुमार शर्मा सहित भारत के प्रतिष्ठित कलाकारों के साथ काम किया। यो-यो मा, चार्ल्स लॉयड, बेला फ्लेक, एडगर मेयर, मिकी हार्ट और जॉर्ज हैरिसन जैसे वेस्टर्न संगीतकारों के साथ उनके अभूतपूर्व काम ने भारतीय शास्त्रीय संगीत को अंतर्राष्ट्रीय दर्शकों तक पहुंचाया।
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