तिरहुत डेस्क (नई दिल्ली)। जेडीयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन ने मंगलवार को आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद पर हमला बोला। उन्होंने जातिगत जनगणना पर दिए लालू प्रसाद के बयान पर सवाल खड़े किए। बोले, उन्होंने सिर्फ अपने परिवार को सशक्त बनाया, लेकिन बिहार के लिए कुछ नहीं किया।
जेडीयू नेता राजीव रंजन ने कहा, “1990 से 2005 तक तो वह बिहार के मुख्यमंत्री रहे। फिर उनकी पत्नी राबड़ी देवी भी मुख्यमंत्री रहीं। इन 15 वर्षों में पंचायती व्यवस्था में भी आरक्षण का फैसला नहीं ले पाए। उन्होंने परिवार के सशक्तिकरण के सिवा बिहार के जनता के लिए क्या किया है? केंद्रीय मंत्री के तौर पर भी यूपीए सरकार पर दबाव बनाकर जातीय जनगणना का फैसला ले सकते थे। लेकिन, उन्होंने ऐसा नहीं किया।”
उन्होंने आगे कहा, “अब बिहार ने रास्ता दिखाया है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में जातिगत जनगणना संभव हुई है। न केवल जातीय सर्वे बल्कि आंकड़ों के आधार पर गरीब परिवारों की पहचान कर उनके लिए कल्याणकारी योजनाओं की नींव रखी जा चुकी है।”
जेडीयू नेता राजीव रंजन ने झारखंड में होने वाले विधानसभा चुनाव पर बात की। उन्होंने कहा, “इस सिलसिले में पार्टी ने आधिकारिक तौर पर निर्णय लिया है कि भाजपा के साथ मिलकर वो चुनाव लड़ेगी। बातचीत जारी है और जो भी इसके निष्कर्ष होंगे वो साझा किए जाएंगे।”
आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने एक्स पर एक पोस्ट किया था। उन्होंने जातिगत जनगणना का जिक्र करते हुए लिखा- “इन संघ और भाजपा वालों का कान पकड़, दंड बैठक करा, इनसे जातिगत जनगणना कराएंगे। इनकी क्या औकात है जो ये जातिगत जनगणना नहीं करायेंगे? इनको इतना मजबूर करेंगे कि इन्हें जातिगत जनगणना करना ही पड़ेगा। दलित, पिछड़ा,आदिवासी और गरीब की एकता दिखाने का समय अब आ चुका है।”
यह भी पढ़े: राजद के बढ़े आरक्षण को नौवीं अनुसूची में डालने की मांग को जदयू ने नकारा