तिरहुत डेस्क (नई दिल्ली)। झारखंड देश के उन राज्यों में शुमार हो गया है, जहां कोविड संक्रमण की वृद्धि दर सबसे ज्यादा है। इस पर केंद्र सरकार ने भी चिंता जतायी है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने राज्य सरकार को कोरोना संक्रमण नियंत्रित करने के लिए टेस्ट और टीकाकरण की गति बढ़ाने का सुझाव दिया है। उन्होंने राज्य में स्वास्थ्य ढांचे को भी मजबूत करने को कहा है। पिछले तीन दिनों से राज्य में प्रतिदिन 1000 से ज्यादा कोरोना संक्रमण के मामले सामने आये हैं। यह स्थिति तब है जब राज्य में प्रतिदिन औसतन मात्र 30 से 35 हजार सैंपल की जांच हो रही है, जबकि सरकार ने प्रतिदिन 75 हजार से लेकर एक लाख सैंपल जांच का लक्ष्य तय किया है। पूरे राज्य में अब एक्टिव मामलों की संख्या 4000 से ज्यादा हो गयी है।
झारखंड के सबसे बड़े मेडिकल कॉलेज रिम्स के निदेशक डॉ कामेश्वर प्रसाद ने कहा है, ” पूरे राज्य में जितनी तेजी से संक्रमण फैल रहा है, उससे यही लगता है कि यहां ओमिक्रोन वेरिएंट आ चुका है। राज्य में जिनोम सीक्वेंसिंग की व्यवस्था नहीं होने की वजह से इस वेरिएंट की समुचित पहचान नहीं हो पा रही है। पिछले महीने यहां से मात्र 28 लोगों के सैंपल जिनोम सीक्वेंसिंग के लिए भुवनेश्वर भेजे गए थे, लेकिन उनमें से ओमिक्रोन का कोई मामला सामने नहीं आया।”
इस बीच राज्य में सोमवार शाम से कड़ी पाबंदियां लगाने का निर्णय लिया जा सकता है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में झारखंड मंत्रालय में शाम चार बजे आपदा प्रबंधन प्राधिकार की बैठक बुलायी गयी है। इधर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि संक्रमण के मामलों पर राज्य सरकार की बारीक निगाह है। सरकार का आपदा प्रबंधन प्राधिकार सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर उचित निर्णय लेगा।
बता दें कि राज्य के स्वास्थ्य सचिव अरुण कुमार सिंह ने रविवार को आपदा प्रबंधन प्राधिकार को पत्र लिखकर राज्य में आंशिक तौर पर लॉकडाउन लगाने का सुझाव दिया है। स्वास्थ्य विभाग ने राज्य में नाइट कर्फ्यू लागू करने, अनिवार्य वस्तुओं को छोड़कर सामान्य जरूरत की दुकानों को एक दिन छोड़कर एक दिन खोलने, स्कूल कॉलेज, धार्मिक स्थल, पार्क, जिम, स्विमिंग पूल और स्पोर्ट्स काम्पलेक्स को आगामी 15 जनवरी तक पूरी तरह बंद करने का सुझाव दिया है।
इस बीच सोमवार से राज्य में 15 से 18 साल के किशोरों का टीकाकरण शुरू हो गया है। पूरे राज्य में 23 लाख 58 हजार किशोरों को टीका लगाये जाने का लक्ष्य है।