तिरहुत डेस्क (नई दिल्ली)। मंदिर-मस्जिद विवाद पर संघ प्रमुख मोहन भागवत के बयान की ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के यासूब अब्बास ने प्रशंसा की है। उन्होंने कहा है, ” ये सेहतमंद सोच है।”
मोहन भागवत ने हिंदूवादी नेताओं को नसीहत देते हुए कहा था कि राम मंदिर जैसे मुद्दों को कहीं और न उठाएं। अयोध्या में राम मंदिर बन जाने के बाद कुछ लोग ऐसे मुद्दों को उछाल कर खुद को हिंदुओं का नेता साबित करने की कोशिश में लगे हैं।
भागवत के इसी बयान पर ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के यासूब अब्बास ने संघ प्रमुख मोहन भागवत के बयान का स्वागत करते हुए इसे देश के लिए एक सकारात्मक कदम बताया। यासूब अब्बास ने वीडियो संदेश जारी कर कहा, ” मोहन भागवत का बयान बहुत अच्छा है। हर मस्जिद के नीचे मंदिर ढूंढने और मजार के नीचे शिवलिंग तलाशने की कोशिश करना बिल्कुल गलत है। यह सेहतमंद सोच नहीं है और इससे समाज में तनाव ही पैदा होता है।”
उन्होंने कहा कि भागवत के इस बयान से देश में एक अच्छा माहौल पैदा होगा। यह सरकार की जिम्मेदारी है कि वह उन लोगों पर लगाम लगाएं, जो अपनी नेतागिरी चमकाने के लिए मंदिरों और मस्जिदों के बीच विवाद खड़ा कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ विदेशी ताकतें देश में सौहार्द को बिगाड़ने की कोशिश कर रही हैं। यह ताकतें एक तरफ हिंदू भाइयों को मंदिरों और शिवलिंगों की तलाश करने के लिए प्रेरित करती हैं, जबकि दूसरी तरफ मुसलमानों से अल्लाह हू अकबर का नारा लगाने और प्रदर्शन करने की कोशिश करती हैं। यह दोनों ही गलत हैं।
संघ प्रमुख भागवत के बयान को सही दिशा में एक कदम बताया और कहा कि इससे देश में शांति और सद्भावना को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने यह भी कहा कि यह वक्त की आवश्यकता है कि सभी समुदाय मिलकर देश की एकता और अखंडता को मजबूत करें और किसी भी प्रकार के धार्मिक विवादों से बचें।
यासूब अब्बास ने आगे कहा कि सरकारों को चाहिए कि वह ऐसे तत्वों पर सख्त कार्रवाई करें, जो धार्मिक उन्माद फैलाने के लिए मुद्दों को तूल देते हैं। यह मुद्दे कभी भी मुल्क की एकता को खतरे में डाल सकते हैं और इसलिए इन पर लगाम लगाना जरूरी है।
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