Monday, May 12, 2025

दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन रहा भारत, बर्बादी की कगार पर पाकिस्तान

तिरहुत डेस्क (नई दिल्ली)। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत भारत ने पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर कार्रवाई की। भारत ने नौ आतंकी ठिकानों पर एयरस्ट्राइक की और पहलगाम आतंकी हमले का बदला ले लिया। भारत की कार्रवाई से पाकिस्तान सहमा हुआ है। वहीं, बुधवार को पाकिस्तान शेयर बाजार में भी ‘हाहाकार’ मच गया।

इसी बीच सैन्य के साथ ही आर्थिक मोर्चे पर भी पाकिस्तान की हालत फिसड्डी होती जा रही है।

दरअसल, एक साथ आजाद हुए दोनों देशों के बीच वर्तमान समय में बहुत बड़ा अंतर है। एक तरफ भारत जो समृद्धि के नए आयाम लिख रहा है और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर बढ़ रहा है। वहीं, पाकिस्तान आतंक का अड्डा बना हुआ है।

भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बना हुआ है। विश्व बैंक के 2024 के आंकड़े को देखें तो भारत का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 3.88 ट्रिलियन डॉलर के करीब है, जो पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था (केवल 0.37 ट्रिलियन डॉलर) के आकार से 10 गुना अधिक है।

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक रिपोर्ट के अनुसार, 2025 में जापान को पछाड़कर भारत दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है और चालू वर्ष में जीडीपी का आकार 4.187 ट्रिलियन डॉलर होने का अनुमान है।

अर्थव्यवस्था के सभी पैमानों पर भारत अपने पड़ोसी पाकिस्तान से मीलों आगे है। देश का विदेशी मुद्रा भंडार 688 अरब डॉलर पर है। वहीं, पाकिस्तान के पास केवल 15 अरब डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार है और आर्थिक पतन की कगार पर है। साथ ही, वह आईएमएफ से भी लोन मांग रहा है।

स्वतंत्रता के बाद के शुरुआती वर्षों में अमेरिकी सहायता और तेल समृद्ध इस्लामी देशों से प्राप्त डोनेशन से पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था भारत के समान ही बढ़ी थी।

दूसरी ओर लोकतांत्रिक भारत ने आर्थिक विकास और लोगों को गरीबी से बाहर निकालने पर अपना ध्यान केंद्रित रखा।

वहीं, पाकिस्तान में खूनी तख्तापलट और सैन्य तानाशाही देखी गई, जहां सेना के जनरल अभी भी फैसले ले रहे हैं और भारत के खिलाफ दुश्मनी को बढ़ावा दे रहे हैं।

पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद का प्रशिक्षण और पोषण इस साजिश का एक प्रमुख हिस्सा है।

पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान तनाव पर मूडीज ने कहा था कि इससे पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर असर पड़ सकता है।

रिपोर्ट में बताया गया था कि भारत के साथ तकरार पाकिस्तान के लिए बाहरी वित्त पोषण तक पहुंच को बाधित कर सकती है। इसके अलावा, पाकिस्तान के विदेशी मुद्रा भंडार पर अतिरिक्त दबाव भी आ सकता है।

रिपोर्ट के अनुसार, तुलनात्मक रूप से भारत में व्यापक आर्थिक स्थितियां स्थिर रहेंगी, मजबूत सार्वजनिक निवेश और स्वस्थ निजी उपभोग के बीच विकास को मध्यम लेकिन अभी भी उच्च स्तर से बल मिलेगा।

यह भी पढ़े: भारतीय सेना बधाई की पात्र, पाकिस्तान के दो टुकड़े होंगे : राजीव राय

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

7,268FansLike
10FollowersFollow

Latest Articles