तिरहुत डेस्क (नई दिल्ली)। कांग्रेस पार्टी के झारखंड प्रभारी गुलाम अहमद मीर ने कहा है कि वक्फ संशोधन विधेयक-2024 पर ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी की बैठकों में बहुमत की जैसी राय सामने आती है, उसके आधार पर ही सरकार को कोई निर्णय लेना चाहिए।
बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि इस मसले पर होने वाली बैठकों में सभी लोग अपनी-अपनी राय देंगे। इस मुद्दे पर व्यापक तौर पर रायशुमारी करनी चाहिए। राजनीतिक पार्टियों के अलावा व्यक्तिगत तौर पर भी लोग जेपीसी के सामने अपना पक्ष रखना चाहेंगे।
अहमद ने कहा कि ऐसे में सभी की बातें सुनने के बाद सरकार को वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर कोई फैसला लेना चाहिए। यह कतई नहीं होना चाहिए कि बहुमत की राय को नजरअंदाज कर सरकार अपने हिसाब से अपनी बात पर अड़े रहे। यह जम्हूरियत का तकाजा नहीं है।
उल्लेखनीय है कि 8 अगस्त, 2024 को लोकसभा में वक्फ संशोधन बिल पेश किए जाने के बाद इस मुद्दे पर ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी गठित की गई थी, जो विभिन्न राज्यों में जाकर राजनीतिक दलों के लोगों और विभिन्न वर्ग के लोगों का पक्ष सुन रही है। इस संयुक्त संसदीय समिति का अध्यक्ष भाजपा सांसद जगदंबिका पाल को नियुक्त किया गया है। 31 सदस्यीय संयुक्त संसदीय समिति में लोकसभा के 21 और राज्यसभा के 10 सांसदों को रखा गया है। इस संसदीय समिति को संसद के आगामी सत्र के पहले हफ्ते तक इस संशोधन विधेयक पर रिपोर्ट सौंपनी है। वक्फ संशोधन विधेयक 2024 में वक्फ कानून में कई तरह के संशोधन का प्रस्ताव है।
लोकसभा में बिल पेश होने के बाद विपक्षी दलों ने प्रस्तावित संशोधनों को मुसलमानों के धार्मिक अधिकारों का उल्लंघन बताते हुए कड़ी आलोचना की थी, जबकि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी का कहना है कि ये संशोधन वक्फ बोर्ड की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता लाएंगे और जवाबदेह बनाएंगे।
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