तिरहुत डेस्क (नई दिल्ली)। केंद्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद गिरिराज सिंह ने शुक्रवार को बिहार के भागलपुर से अपनी ‘हिंदू स्वाभिमान यात्रा’ की शुरुआत की। इसका उद्देश्य हिंदुओं के स्वाभिमान, सुरक्षा और सामाजिक एकता को बढ़ावा देना है। केंद्रीय मंत्री के साथ आचार्य दीपांकर महाराज ने भी कार्यक्रम में शिरकत की।
गिरिराज सिंह इस यात्रा की शुरुआत से पहले बाबा बूढ़ानाथ मंदिर पहुंचे और पूजा-अर्चना कर हवन किया। इसके बाद शोभायात्रा के साथ जिला स्कूल मैदान पहुंचे, जहां उन्होंने जनसभा को संबोधित किया।
उन्होंने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि ‘हिंदू स्वाभिमान यात्रा’ में जदयू, राजद, लोजपा, कांग्रेस और कम्युनिस्ट दलों से जुड़े हिंदू भी बड़ी संख्या में शामिल हुए हैं। यह यात्रा हिंदुओं के स्वाभिमान, सुरक्षा और सामाजिक एकता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आयोजित की गई है। इस आंदोलन के जरिए सभी प्रतिभागी अपने अधिकारों और सम्मान की रक्षा के लिए एकजुट हो रहे हैं।
उन्होंने कहा कि इस यात्रा की यह शुरुआत है। इस यात्रा को हम लोग गांव-गांव, गली-गली तक पहुंचाएंगे, जिससे हर हिंदू को अपनी पहचान और सुरक्षा के प्रति जागरूक किया जा सके। उन्होंने स्पष्ट किया कि वह दंगा कराने नहीं बल्कि रोकने के लिए आए हैं। जब तक सनातन संगठित रहेगा, तब तक लोकतंत्र सुरक्षित रहेगा।
गिरिराज सिंह ने कहा कि आप लोग देख लें कि हिंदू किस देश में हैं। पाकिस्तान में ही नहीं रहे। हमारे भाई बंट गए। बांग्लादेश भी गए, वहां भी नहीं बचे। क्या हो गया। मैं आपसे प्रार्थना करने आया हूं। हमारे मंदिर टूट गए, जहां 3,000 मस्जिदों थी, अब 20 लाख हो गई है। यह यात्रा धर्म की रक्षा करने के लिए है। यात्रा के जरिये वे हिंदुओं को बताना चाहते हैं कि उन्हें अलग-अलग जातियों में नहीं बंटना है।
गिरिराज सिंह के पहले चरण की यात्रा 22 अक्टूबर को किशनगंज में समाप्त होगी। पांच दिनों तक वे सीमांचल क्षेत्र के कटिहार, अररिया, पूर्णिया समेत अन्य जिलों का दौरा करेंगे।
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