तिरहुत डेस्क (नई दिल्ली)। बिहार राज्य के भूत पूर्व वित्त मंत्री, बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री, पूर्व राज्य सभा सांसद और भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेता सुशील कुमार मोदी का आज दिल्ली के एम्स में इलाज के दौरान निधन हो गया है। सुशील कुमार मोदी ने सोमवार की देर शाम अस्पताल में ही अन्तिम सांस ली। उनके निधन से बिहार सहित केंद्र के सियासी गलियारे में शोक की लहर पाई जा रही है।
सुशील कुमार मोदी गले के कैंसर से पीडित थे। करीब डेढ़ महीने पहले उन्होंने सोशल मीडिया के जरिये लोगों को खुद इस बात की जानकारी दी थी. सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर सुशील मोदी ने लिखा था- “पिछले 6 माह से कैंसर से संघर्ष कर रहा हूँ. अब लगा कि लोगों को बताने का समय आ गया है। लोकसभा चुनाव में कुछ कर नहीं पाऊँगा। PM को सब कुछ बता दिया है. देश, बिहार और पार्टी का सदा आभार और सदैव समर्पित।”
उनके पारिवारिक लोगों ने बताया कि पिछले महीने से ही उऩकी तबीयत लगातार बिगड़ती जा रही थी। इसके बाद उन्हें इलाज के लिए दिल्ली एम्स में भर्ती कराया गया था। लेकिन कैंसर इस हद तक फैल चुका था कि उसका इलाज संभव नहीं था। आज देर शाम उन्होंने आखिरी सांसे ली।
सुशील मोदी के निधन की खबर फैलते ही बिहार के सियासी और सामाजिक हलके में शोक की लहर दौड़ पड़ी है. डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा ने उनके निधन पर शोक जताते हुए कहा है कि “भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री श्री सुशील मोदी जी अब हमारे बीच नहीं रहे. पूरे भाजपा संगठन परिवार के साथ-साथ मेरे जैसे असंख्य कार्यकताओं के लिए यह एक अपूरणीय क्षति है. अपने संगठन कौशल,प्रशासनिक समझ और सामाजिक राजनीतिक विषयों पर अपनी गहरी जानकारी के लिए वे हमेशा याद किए जाएंगे. ईश्वर दिवंगत आत्मा को चिरशांति और परिजनों को इस शोक की घड़ी में सम्बल प्रदान करें.”
सुशील मोदी ने पटना यूनिवर्सिटी छात्रसंघ चुनाव से राजनीति में कदम रखा. उन्होंने छात्र संघ के महासचिव के चुनाव में जीत हासिल की थी. तब उनके धुर राजनीतिक विरोधी लालू यादव अध्यक्ष पद पर जीते थे. जयप्रकाश नारायण की संपूर्ण क्रांति के आह्वान पर सुशील मोदी आंदोलन में कूद पड़े थे और 19 महीने तक जेल में रहे थे. मोदी ने इंदिरा गांधी सरकार द्वारा लाए गए मीसा कानून को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी और उस कानून की दमनकारी धारा को हटवाने में कामयाब हुए थे.
सुशील मोदी 1990 में पहली बार पटना मध्य विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़े और लगातार तीन बार जीते. 1996 से 2004 तक सुशील मोदी बिहार विधानसभा में भाजपा के नेता और नेता प्रतिपक्ष रहे. लालू यादव पर पशुपालन विभाग में चारा घोटाला का केस सुशील मोदी ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका के जरिए दायर किया था जिसमें बाद में लालू बुरी तरह उलझ गए. 2004 में सुशील मोदी पहली बार संसद पहुंचे, उन्होंने भागलपुर लोकसभा सीट से जीत हासिल की थी.
बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए की सरकार बनने के बाद सुशील मोदी डिप्टी सीएम बने. 2020 तक जब भी नीतीश एनडीए में रहे, वो उनके उप-मुख्यमंत्री रहे। इस दौरान सुशील मोदी विधान परिषद के सदस्य बनते रहे. 2020 में सुशील मोदी को भाजपा ने बिहार से हटाकर राज्यसभा भेज दिया था।