तिरहुत डेस्क (नई दिल्ली)। बिहार के पूर्व मंत्री रमई राम का गुरुवार को पटना के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। वे लालू प्रसाद, राबड़ी देवी और नीतीश कुमार मंत्रिमंडल में अलग अलग विभागों का दायित्व संभाल चुके थे। उनके निधन पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शोक जताया है।
राम 9 बार विधानसभा का चुनाव जीत दर्ज कर चुके थे। पिछले कुछ दिनों से राम बीमार थे और उनका इलाज पटना के एक अस्पताल में चल रहा था, जहां उन्होंने गुरुवार को अंतिम सांस ली।
मुजफ्फरपुर का बोचहा विधानसभा क्षेत्र रमई राम का गढ़ माना जाता है। बोचहा में हाल में हुए उपचुनाव में रमई राम की पुत्री गीता कुमारी को विकासशील इंसान पार्टी ने चुनावी मैदान में उतारा था, लेकिन हार का मुंह देखना पड़ा।
इधरए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पूर्व मंत्री रमई राम के निधन पर शोक संवेदना व्यक्त की है।
मुख्यमंत्री ने अपने शोक संदेश में कहा है कि रमई राम राज्य सरकार के अलग-अलग विभागों में लंबे समय तक मंत्री रहे। उन्होंने मेरे साथ मेरे मंत्रिमंडल सहयोगी के रूप में मंत्री पद की जिम्मेदारी का कुशलतापूर्वक निर्वहन किया था।
कुमार ने कहा कि वे मुजफ्फरपुर के बोचहां; सुरक्षित विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते थे। जहां से वे 9 बार विधायक रहे और अपने क्षेत्र में काफी लोकप्रिय थे। वे एक कुशल राजनेता एवं समाजसेवी थे। सामाजिक कार्यों में भी उनकी गहरी अभिरूचि थी। दलित एवं वंचितों के उत्थान के लिये वे लगातार सक्रिय थे।
उनके निधन से राजनीतिक एवं सामाजिक क्षेत्र में अपूरणीय क्षति हुई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनसे हमारा बेहद पुराना रिश्ता था। उनके निधन से मुझे व्यक्तिगत तौर पर दुख पहुंचा है और मैं मर्माहत हूँ।
मुख्यमंत्री ने रमई राम की पुत्री श्रीमती गीता कुमारी से दूरभाष पर बात कर उन्हें सांत्वना दी।
रमई राम का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया जायेगा।
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