तिरहुत डेस्क (नई दिल्ली)। बिहार में भले ही गंगा के जलस्तर में कमी आई हो, लेकिन गंगा सहित प्रदेश की प्रमुख नदियां अभी भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। इस बीच, भागलपुर, मुंगेर, मधेपुरा सहित कुछ जिलों के स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्र जलमग्न हो गए हैं, इससे पठन पाठन का कार्य बाधित हुआ है।
बिहार में कोसी, गंगा के दियारा क्षेत्रों में बाढ़ का पानी भरा हुआ है। भागलपुर के गोराडीह प्रखंड के जमसी हाई स्कूल का मैदान और स्कूल जाने वाली मुख्य सड़क पर पानी भर गया है। मधेपुरा के चौसा प्रखंड के करीब 25 गांव बाढ़ के पानी से घिरे हुए हैं। तियर टोला, घसकपुर के स्कूल में पानी भर जाने के कारण पठन-पाठन बाधित हो गया है।
स्कूलों के अलावा आंगनबाड़ी केंद्रों में भी पानी भर गया गया है। कई गांवों के लोग ऊंचे स्थानों पर शरण लिए हुए हैं। मुंगेर में भी बाढ़ का पानी दियारा क्षेत्र के गांवों और खेतों में फैला हुआ है। कई दिनों से खेतों में पानी जमा रहने से फसलों की बर्बादी शुरू हो गयी है। मुंगेर में तारापुर दियारा में आंगनबाड़ी केंद्र पानी में डूबा हुआ है, जबकि मध्य विद्यालय, फुलकिया ब्रह्मस्थान जलमग्न है।
जल संसाधन विभाग के मुताबिक, शुक्रवार को गंगा नदी पटना के गांधी घाट पर खतरे के निशान से 30 सेंटीमीटर और हाथीदह में 50 सेंटीमीटर ऊपर थी। भगालपुर के कहलगांव में गंगा 99 सेंटीमीटर से ऊपर बह रही है। इसके अलावा गंडक, कोसी, बागमती और बूढ़ी गंडक कई स्थानों पर लाल निशान से ऊपर बह रही है। बागमती बेनीबाद में खतरे के निशान से ऊपर है, जबकि बूढ़ी गंडक खगड़िया में लाल निशान से ऊपर बह रही है।
इसी तरह कोसी नदी खगड़िया के बलतारा और कुर्सेला में तथा गंडक नदी डुमरिया घाट में खतरे के निशान से ऊपर है। घाघरा नदी सीवान के दरौली में खतरे के निशान से 31 सेंटीमीटर ऊपर है। इस बीच कोसी नदी के जलस्तर में भी कमी आई है। कोसी नदी का बीरपुर बैराज के पास जलस्राव सोमवार को 1,79,920 क्यूसेक दर्ज किया गया, जबकि वाल्मीकिनगर बराज में गंडक का जलस्राव 97,500 क्यूसेक रिकाॅर्ड किया गया।