तिरहुत डेस्क (नई दिल्ली)। उत्तराखंड में किसकी सरकार बनेगी, ये तो मतगणना के बाद ही पता चलेगा लेकिन कांग्रेस में अभी से मुख्यमंत्री को लेकर जिस तरीके से रस्साकशी चल रही है, उसने राजनैतिक पारा गरम कर दिया है । हरीश रावत प्रदेश में मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं तो उनके विरोधी हरीश रावत का विरोध कर रहे हैं। इस बीच, पूर्व कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य ने सीधे तौर पर हरीश रावत को ही सीएम बनाए जाने की पैरवी की है।
राजनीति में कुछ लोग ऐसे होते हैं जो कठिन समय में उनकी मदद करने वालों का अहसान कभी नहीं भूलते। एक ओर प्रीतम सिंह ने हरीश रावत के सीएम बनने की ख्वाहिश का पुरजोर विरोध किया है तो दूसरी ओर यशपाल आर्य ने सीएम पद के लिए हरीश रावत का समर्थन किया है।
पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा है कि वह या तो मुख्यमंत्री बनेंगे या घर बैठेंगे। इस पर कांग्रेस के ही नेताओं की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। हरीश रावत के इस बयान पर कांग्रेस नेता यशपाल आर्य ने कहा कि हरीश रावत का कोई भी विरोध नहीं है। हालांकि, अंतिम फैसला पार्टी हाईकमान को करना है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने इस पर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा है कि जो भी कांग्रेस हाईकमान आदेश करेगा, उसका पालन किया जाएगा। उधर, हरीश रावत के करीबी और पूर्व कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य ने कहा है कि हरीश रावत उत्तराखंड का बड़ा चेहरा हैं और उत्तराखंड के निर्माण में और उत्तराखंड के विकास में हरीश रावत का बड़ा योगदान है। हरीश रावत चुनाव प्रचार अभियान समिति के अध्यक्ष भी थे, उन्हीं के नेतृत्व में चुनाव लड़ा गया था। साथ ही प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने जा रही है, ऐसे में हरीश रावत का कोई भी विरोध नहीं है।
हालांकि 2016 में यशपाल आर्य हरीश रावत सरकार को मझधार में छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए थे। बीजेपी सरकार में करीब पांच साल कैबिनेट मंत्री बने रहे। ठीक चुनाव से पहले बीजेपी छोड़कर बेटे संजीव आर्य के साथ कांग्रेस में वापसी की, लेकिन यशपाल आर्य ने बीजेपी सरकार में रहते हुए कभी कांग्रेस या कांग्रेस के नेताओं के लिए कोई विरोधी बयानबाजी नहीं की थी। इसलिए जब उन्होंने बीजेपी छोड़ी तो उन्हें तुरंत कांग्रेस में ले लिया गया था। उनको और उनके बेटे को टिकट भी मिल गया था।