तिरहुत डेस्क (नई दिल्ली)। अयोध्या की मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर हो रहे उप चुनाव को निष्पक्ष कराने का अनुरोध समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी अजीत प्रसाद ने प्रदेश सरकार और चुनाव आयोग से किया है। उनका आरोप है कि सपा कार्यकर्ताओं पर मुकदमे किए जा रहे हैं। पुलिस के माध्यम से उन पर दबाव बनाया जा रहा है, जिससे मिल्कीपुर में चुनाव निष्पक्ष न हो पाए।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए कुछ सवाल खड़े किए थे। उन्होंने ‘पक्षपाती अधिकारियों की नियुक्ति’ का मुद्दा उठाया और पिछड़े-दलित-अल्पसंख्यकों की अल्प भागीदारी को लेकर सवाल खड़े किए।
सपा प्रत्याशी अजीत प्रसाद ने बातचीत में सपा प्रमुख की इस पोस्ट का समर्थन करते हुए कहा, “डॉ. भीमराव अंबेडकर ने एक संविधान बनाया था, जिसे आज भारतीय जनता पार्टी की जालिम सरकार धीरे-धीरे नष्ट कर रही है। मिल्कीपुर उपचुनाव के संदर्भ में हमारे नेता अखिलेश यादव ने एक जातीय आकलन पेश करके बताया कि पीडीए की भागीदारी सिर्फ और सिर्फ 23 प्रतिशत है।”
उन्होंने आगे लिखा, “हमें सामान्य वर्ग से कोई दिक्कत नहीं है। सपा हमेशा समाज के सारे वर्गों के साथ रही है, लेकिन हम चाहते हैं कि चुनाव आयोग इस पर संज्ञान ले और मिल्कीपुर में पीडीए की भी भागीदारी सुनिश्चित करते हुए चुनाव निष्पक्ष कराए।”
मिल्कीपुर चुनाव में अधिकारियों के दबाव डालने और चुनाव को प्रभावित करने के सवाल पर सपा प्रत्याशी ने कहा, “इसकी जानकारी मिली है कि बहुत से सपा साथियों पर झूठे मुकदमे किए जा रहे हैं। पुलिस के माध्यम से उन पर दबाव बनाया जा रहा है, जिससे मिल्कीपुर में चुनाव निष्पक्ष न हो पाए। चुनाव आयोग और स्वयं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इसका संज्ञान लें। सपा यहां से बड़े अंतर से जीतने जा रही है।”
दरअसल, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए अयोध्या के थानों में पुलिस अधिकारियों की पोस्टिंग पर सरकार को घेरा था। उन्होंने बिना नाम लिए सरकार पर निशाना साधते हुए लिखा, “जो ये कह रहे हैं कि नियुक्ति मेरिट के आधार पर हुई है, क्या उनका मतलब ये है कि पीडीए में मेरिट नहीं है।”
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