तिरहुत डेस्क (नई दिल्ली)। गुरु को भगवान का दर्जा देने वाले भारत देश के बिहार राज्य में एक बार नहीं कई बार ऐसे मौके आए हैं जब गुरु बनने की दहलीज पर बैठे शिक्षक अभ्यर्थियों पर सरकारी पुलिस ने लाठियां बरसाई है और उन्हें लहूलुहान किया है। एक वह दौर भी था जब एक शिक्षक के न्यायालय में पहुंचने पर आश्चर्यचकित रहे न्यायाधीश ने अफसोस भरे लहजे में कहा था कि एक शिक्षक न्यायालय में? यानी शिक्षक के न्यायालय में पहुंचने पर न्यायाधीश को बड़ी तकलीफ हुई थी, कि समाज में शिक्षा का द्वीप जलाने वाला व्यक्ति यदि किसी न्यायालय में आता है तो उस समाज, न्यायालय और उस देश के लिए अफसोस की बात है। लेकिन लगता है कि बिहार सरकार शिक्षक से जुड़ी मर्यादाओं को तार-तार करना ही अपने लिए और इस समाज के लिए गर्व समझती है। यदि सरकार की उदासीनता नहीं होती तो आखिर बिहार में बार-बार शिक्षक अभ्यर्थियों पर लाठियां क्यों बरसती। क्या उनका गुनाह यही है कि शिक्षक बनने की सारी योग्यताओं के बावजूद वह सरकार के सामने उस मर्यादित कुर्सी पर जिसका सरकार ने उनसे वादा भी किया और उनकी परीक्षाएं भी ली, उसके लिए वह सरकार के सामने हाथ फैला रहे हैं?
शिक्षक अभ्यर्थियों पर जुल्मों सितम की दास्तान पटना के डाक बंगला चौराहे पर आज फिर दोहराई गई। जब मंगलवार को राजधानी पटना में सीटेट और बीटेट के अभ्यर्थियों ने अपने नियोजन को लेकर प्रदर्शन किया. आखिर क्यों प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने उनपर जमकर लाठियां भांजी और दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। सीटेट और बीटेट पास इन अभ्यर्थियों का कसूर बस इतना था कि पटना के डाक बंगला चौराहे पर यह लोग सातवें चरण की बहाली निकालने की मांग कर रहे थे।
वहीं पुलिस का कहना है कि अभ्यर्थियों ने 3 घंटे से प्रदर्शन करते हुए यातायात को बाधित कर रखा था। अभ्यर्थियों को पुलिस ने काफी समझाने का प्रयास किया और वार्ता के लिए प्रतिनिधिमंडल को मिलवाने की बात भी कही लेकिन अभ्यर्थी तैयार नहीं हुए। जिसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज कर उन अभ्यर्थियों को हटाया। कई छात्रों को पुलिस थाने भी ले गयी। लेकिन अभ्यर्थियों का कहना है कि सातवें चरण की शिक्षक बहाली की मांग को लेकर हम प्रदर्शन कर रहे हैं। कक्षा 1 से लेकर 8 तक में शिक्षक बहाली की मांग को लेकर पिछले 3 सालों से हम लोग सड़कों पर हैं। हम आंदोलन कर रहे हैं और सरकार से हमे सिर्फ आश्वासन ही मिल रहा है। अभ्यर्थियों का कहना है कि डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने सरकार में आने से पहले वादा किया था कि उन्हें रोजगार देंगे लेकिन अभी तक डिप्टी सीएम ने अपना वादा पूरा नहीं किया।