तिरहुत डेस्क (नई दिल्ली)। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने शुक्रवार को आईजीआईएमएस में 188 करोड़ रुपये की लागत से बने नवनिर्मित क्षेत्रीय चक्षु संस्थान सह चक्षु अस्पताल का उद्घाटन किया।
उन्होंने बिहार के विकास की चर्चा करते हुए कहा कि आईजीआईएमएस के इतिहास की बात करें और ध्यान में रखें तो स्वास्थ्य विभाग या अन्य क्षेत्रों के विकास की कहानी 2005 से शुरू होती है। 2005 तक आईजीआईएमएस की क्या हालत थी और 2005 के बाद अब तक इस अस्पताल ने विकास की कैसी छलांग लगाई है, यह सब को पता होगा। पहले स्थिति काफी खराब थी। 1985 से 2005 तक यहां विकास की क्या स्थिति थी और आज क्या स्थिति है, यह सबलोग जानते हैं। पहले स्वास्थ्य का मतलब होता था कि मरीज बीमार हो तो उसका इलाज करो। अब स्वास्थ्य का मतलब है कि मरीज को बीमार ही नहीं होने देना है।
उन्होंने कहा कि प्रिवेंटिव मेडिसिन से प्रोमोटिव हेल्थकेयर पर केंद्र की मोदी सरकार लगातार काम कर रही है। गांव की गर्भवती महिलाओं से लेकर उसके प्रसव तक ख्याल रखा जाता है। आईजीआईएमएस बिहार की ही नहीं बल्कि ओडिशा, पश्चिम बंगाल और नेपाल की सेवा कर रहा है। इस इंस्टीट्यूट में 11 मॉड्यूलर ऑपरेशन थियेटर बने हैं। वर्ल्ड क्लास इलाज की सुविधा इस नेत्र अस्पताल में है।
जेपी नड्डा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को धन्यवाद देते हुए कहा कि उन्होंने दरभंगा एम्स के लिए जमीन उपलब्ध करवाई। दरभंगा की जमीन थोड़ी नीची है और बिहार सरकार ने इसकी भराई की जिम्मेदारी भी उठाई है। हम इसे और ऊंचा करते हुए एम्स बनाएंगे। मानवता का सही अर्थ में सेवा करने का माध्यम स्वास्थ्य विभाग है। प्रधानमंत्री मोदी दरभंगा में एम्स का जल्द शिलान्यास करना चाहते हैं ताकि मिथिलांचल समेत पूरे बिहार के लोगों को अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधाएं मिल सके। 2014 से पहले देश में छह एम्स थे। लेकिन, आज 22 हो गए।
उन्होंने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार और आगे बढ़ेगा।
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