तिरहुत डेस्क (नई दिल्ली)। दिल्ली पुलिस ने 2018 में एक हिंदू देवता के खिलाफ ‘‘आपत्तिजनक ट्वीट’’ करने के मामले में ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर को शनिवार को यहां एक अदालत के समक्ष पेश किया और उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजे जाने का अनुरोध किया।
जुबैर को पांच दिन की हिरासत की अवधि समाप्त होने पर अदालत में पेश किया गया।
पुलिस ने मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट स्निग्धा सरवरिया से कहा कि हिरासत में लेकर अब उनसे पूछताछ की जरूरत नहीं है।
लोक अभियोजक अतुल श्रीवास्तव ने संक्षिप्त सुनवाई के दौरान अदालत को बताया कि पुलिस ने जुबैर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धाराओं 120 बी (आपराधिक साजिश) और 201 (सबूत नष्ट करना) तथा विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम की धारा 35 के प्रावधान भी लगाए हैं।
पुलिस की अर्जी के बाद जुबैर ने इस आधार पर अदालत में जमानत याचिका दायर की कि अब उनसे पूछताछ की आवश्यकता नहीं है।
अदालत संभवत: जल्द ही जमानत याचिका पर सुनवाई करेगी।
जुबैर की वकील वृंदा ग्रोवर ने अदालत से कहा कि पुलिस द्वारा जब्त किया गया फोन उस समय का नहीं है, जब उन्होंने ट्वीट किया था।
उन्होंने कहा, ‘‘ट्वीट 2018 का है और यह फोन मैं (जुबैर) इस समय इस्तेमाल कर रहा हूं। मैंने ट्वीट करने से इनकार भी नहीं किया है।’’
जुबैर के खिलाफ शुरुआत में भारतीय दंड संहिता की धाराओं 153 (दंगा करने के इरादे से जानबूझकर भड़काना) और 295 (किसी वर्ग के धर्म का अपमान करने के इरादे से पूजा स्थल को नुकसान पहुंचाना या अपवित्र करना) के तहत मामला दर्ज किया गया था। बाद में उनके खिलाफ 295ए (धार्मिक भावनाओं को आहत करने के उद्देश्य से जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कार्य करना) के तहत भी मामला दर्ज किया गया था।
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