तिरहुत डेस्क (नई दिल्ली)। मध्य प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र में कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन का दौर जारी है। बुधवार को कांग्रेस के विधायक महेश परमार शराब घोटाले का आरोप लगाते हुए शराब की बोतलों की माला पहनकर ही सदन परिसर में पहुंच गए। कांग्रेस विधायक के इस तरीके पर भाजपा ने आपत्ति दर्ज कराई है।
उज्जैन से कांग्रेस विधायक महेश परमार राज्य में शराब घोटाले का आरोप लगाते हुए सरकार पर हमलावर हैं और वह बुधवार को शराब की खाली और रंग से भारी बोतलों की माला पहनकर विधानसभा परिसर में पहुंच गए। उनका आरोप है कि राज्य के हर जिले में शराब घोटाला हो रहा है और यह दिल्ली से बड़ा शराब घोटाला है जिसके चलते अरविंद केजरीवाल को जेल जाना पड़ा है। राज्य में 20 सालों में एक लाख करोड़ से ज्यादा का शराब घोटाला हुआ है।
कांग्रेस विधायक परमार ने विधानसभा में ध्यानाकर्षण पर आए जवाब का हवाला देते हुए कहा कि प्रवर्तन निदेशालय की इस मामले में जांच चल रही है और केंद्रीय जांच ब्यूरो के डायरेक्टर ने मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव को पत्र लिखा है। यह हमारे लिए शर्म की बात है कि सरकारी कर्मचारी को 2000 की रिश्वत लेते पकड़ लिया जाता है। दिल्ली के केजरीवाल के लिए अलग कानून है और इंदौर षड्यंत्र रचने वाले अधिकारी के लिए अलग कानून है।
विधानसभा में शराब की बोतलों की माला पहनने के सवाल पर उन्होंने कहा यह खाली बोतले हैं और कुछ में रंग भरा हुआ है।
कांग्रेस के विधायक के शराब की बोतलों की माला पहनकर विधानसभा परिसर पहुंचने पर भाजपा की विधायक और सरकार के मंत्री विश्वास सारंग ने एतराज दर्ज कराया है। मंत्री विश्वास सारंग का कहना है कि विधानसभा में शराब की बोतल लाना उचित नहीं है। सिर्फ राजनीति चमकाने के लिए शराब की बोतल लेकर आना ठीक नहीं है। सवाल है कि यह विधायक विधानसभा में शराब की बोतल लेकर कैसे आए, वह इस मामले में विधानसभा अध्यक्ष से बात करेंगे।
वहीं पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और भाजपा के विधायक गिरीश गौतम का कहना है कि विधानसभा परिसर में किसी भी प्रतिबंधित वस्तु को लाना वैधानिक नहीं है। विधायक ने ऐसा किया है तो उन पर कार्रवाई की जानी चाहिए। विधानसभा में आचरण समिति होती है और उसमें यह मामला जाना चाहिए।