तिरहुत डेस्क (नई दिल्ली)। महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर के किराडपुरा इलाके के अहेरी गांव में शुक्रवार को दो समूहों ने एक-दूसरे पर पथराव किया। शांति बनाए रखने के लिए सीआरपीएफ की एक टीम सहित एक बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स को अहेरी भेजा गया। अब स्थिति को ‘नियंत्रण में’ बताया गया है। शीर्ष अधिकारी और राजनीतिक नेता स्थिति पर नजर रख रहे हैं।
बुधवार-गुरुवार की रात ऐतिहासिक छत्रपति संभाजीनगर में हुई झड़पों के बमुश्किल 24 घंटे बाद यह घटनाक्रम सामने आया। टकराव से एक व्यक्ति की मौत हो गई और 15 से अधिक पुलिस कर्मी घायल हो गए। लगभग 20 वाहनों में आग लगा दी गई।
सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है और 400 लोगों पर केस दर्ज किया गया है।
गुरुवार को जलगांव शहर में भी झड़पें भी हुईं, जहां चार बदमाशों को गिरफ्तार किया गया और कई पर मामला दर्ज किया गया।
गुरुवार की देर रात, मुंबई के मलाड पश्चिम उपनगर के अल्पसंख्यक बहुल मालवानी इलाके में एक-दूसरे पर पथराव किया गया और लगभग 25 लोगों को हिरासत में लिया गया।
वहां स्थिति सामान्य और नियंत्रण में बताई जा रही है और पुलिस कड़ी चौकसी बरत रही है।
स्थानीय कांग्रेस विधायक असलम शेख ने पुलिस से क्षेत्र के सीसीटीवी फुटेज को स्कैन करने और झड़पों के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने का आह्वान किया।
शिवसेना (यूबीटी) के सांसद और मुख्य प्रवक्ता संजय राउत ने दंगों के लिए सत्तारूढ़ शिवसेना-भारतीय जनता पार्टी गठबंधन पर उंगली उठाई है। उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य रविवार को छत्रपति संभाजीनगर शहर में होने वाली विपक्षी महा विकास अघाड़ी रैली को पटरी से उतारना है।
राउत ने दावा किया, हमारी जानकारी है कि दोनों समूहों में से कोई भी हिंसा नहीं चाहता था, लेकिन सरकार अशांति चाहती थी। इसने उन लोगों का समर्थन किया, जिन्होंने उनके खिलाफ कार्रवाई न करके हिंसा का सहारा लिया।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने राउत की बातों को खारिज करते हुए पलटवार करते हुए कहा कि अगर फिर से स्थिति बिगड़ती है तो भड़काऊ बयान देने के लिए सेना (यूबीटी) सांसद को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए।
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