तिरहुत डेस्क (नई दिल्ली)। वोट-शेयर बढ़ाने के लिए कांग्रेस ने अपने सामाजिक आधार को बढ़ाने और उन समूहों तक पहुंचने पर ध्यान केंद्रित करने का फैसला किया है, जिन्हें पार्टी तंत्र में जगह नहीं मिली है। हर राज्य को उप-जातियों पर ध्यान केंद्रित करने और पार्टी में उन्हें अधिक महत्व देने के लिए कहा गया है।
उत्तर प्रदेश में भाजपा ने गैर जाटव को बसपा से सफलतापूर्वक अलग कर दिया है, जो उनके वोटों की संख्या को बढ़ाने में मदद कर रहा है।
इससे प्रेरणा लेते हुए पार्टी हर राज्य में अपने सामाजिक आधार को बढ़ाना चाहती है, लोगों को जोड़ना चाहती है और अपने वोट शेयर का विस्तार करना चाहती है, जो 2014 से घटती जा रही है।
लोकसभा सीटों के मामले में उत्तर प्रदेश सबसे बड़ा राज्य है, जहां 80 सांसद हैं। 2019 में कांग्रेस को केवल एक सीट मिली थी। अब कांग्रेस को बसपा के ऐसे नेताओं से उम्मीद है, जिन्हें अपनी पार्टी से कोई आस नहीं है।
कांग्रेस ‘चिंतन शिविर’ से पहले सीडब्ल्यूसी की बैठक में अपनी रिपोर्ट को अंतिम रूप दे रही हैं।
तीन दिवसीय चिंतन शिविर 13 मई से राजस्थान के उदयपुर में शुरू हो रहा है। पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सोमवार को सीडब्ल्यूसी की बैठक से पहले रिपोर्ट मांगी है, जो एजेंडे को औपचारिक रूप देगी।