Friday, September 20, 2024

मवेशी घोटाला : बंगाल पुलिस की अनुब्रत मंडल को हिरासत में लेने की कोशिश

तिरहुत डेस्क (नई दिल्ली)। पश्चिम बंगाल में पशु तस्करी घोटाले ने मंगलवार सुबह एक नाटकीय मोड़ ले लिया, जब राज्य पुलिस ने तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पार्टी के बीरभूम जिला अध्यक्ष अनुब्रत मंडल को एक निचली अदालत में पेश किया, जिसमें उनकी 14 दिन की हिरासत की मांग की गई। पुलिस ने सोमवार शाम उन पर हत्या के प्रयास का एक मामला दर्ज किया था। गौरतलब है कि सोमवार दोपहर को ही नई दिल्ली में राउज एवेन्यू कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को अनुब्रत मंडल को राष्ट्रीय राजधानी स्थित एजेंसी के मुख्यालय ले जाने और पशु तस्करी घोटाले के संबंध में उनसे पूछताछ करने के लिए पेशी वारंट जारी किया था।

मंगलवार की सुबह जब अनुब्रत मंडल शॉल ओढ़े हुए और राज्य पुलिस की एक बड़ी टुकड़ी के साथ पश्चिम बर्दवान जिले के आसनसोल विशेष सुधार गृह से बाहर आए, तो यह स्पष्ट हो गया कि उन्हें आसनसोल से लगभग 53 किलोमीटर दूर बीरभूम जिले के दुबराजपुर में एक निचली अदालत में ले जाया जा रहा है।

बाद में पता चला कि सोमवार शाम को तृणमूल कांग्रेस के एक पूर्व पंचायत सदस्य शिबठाकुर मंडल ने पिछले साल हत्या के प्रयास का आरोप लगाते हुए दुबराजपुर पुलिस स्टेशन में मंडल के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी।

स्थानीय पुलिस स्टेशन ने आईपीसी की धारा 307 (हत्या के प्रयास की सजा) के तहत आरोपों को शामिल करते हुए तुरंत एक प्राथमिकी दर्ज की और तदनुसार आसनसोल विशेष सुधार गृह से मंडल की हिरासत मांगी और दुबराजपुर की निचली अदालत में पहुंची। मामले में जल्द सुनवाई होगी।

शिकायतकर्ता शिबठाकुर मंडल ने मीडियाकर्मियों को बताया कि 2021 में पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले उन्होंने भाजपा में जाने का फैसला किया। इस पर अनुब्रत मंडल ने दुबराजपुर पार्टी कार्यालय में मुझे बुलाया और मेरा गला दबाने की कोशिश की। इसलिए मैने दुबराजपुर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई।

यह पूछे जाने पर कि शिकायत दर्ज कराने का निर्णय लेने में उन्हें इतना समय क्यों लगा, उन्होंने कहा कि अनुब्रत मंडल पहले से ही पशु-तस्करी घोटाले से संबंधित न्यायिक हिरासत में थे, उसने सोचा कि मामले में शिकायत दर्ज करने का यह उपयुक्त समय है।

पश्चिम बंगाल में भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता सामिक भट्टाचार्य और माकपा की केंद्रीय समिति के सदस्य सुजान चक्रवर्ती ने कहा कि इस घटनाक्रम से यह स्पष्ट है कि तृणमूल कांग्रेस और राज्य पुलिस की सांठगांठ है। रिपोर्ट लिखे जाने तक तृणमूल कांग्रेस की ओर से इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई थी।

यह भी पढ़े: झारखंड सरकार की नियोजन नीति पर विधानसभा में भाजपा का हंगामा

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