तिरहुत डेस्क (नई दिल्ली)। सिकरहना मुख्यालय के ढाका बाज़ार की दुकानों में आए दिन बढ़ती डकैती की घटनाओं से व्यवसाई दहशत में हैं। और पुलिस पूरी तरह आलसी बनी बैठी है। पिछले दो महीने में ढाका बाजार में पांच बड़ी चोरियां हो चुकी है। यह चोरियां रात के अंधेरे से लेकर शाम ढलते दुकानदार को पिस्टल दिखाकर हर स्थिति में की गई हैं। इन पांचों बड़ी घटनाओं में पुलिस ने अब तक एक भी चोर को गिरफ्तार नहीं किया है। अफसोस की बात तो यह है कि तीसरी आंख कहा जाने वाला सीसीटीवी कैमरा ढाका बाजार में विभिन्न जगहों पर लगाया गया है जिसकी मॉनिटरिंग ढाका थाना से की जाती है, लेकिन हर घटना की रात को सीसीटीवी बंद पाया गया है। जिससे पता चलता है कि प्रशासन किस तरह उदासीनता बरत रही है।
कब कब हुई चोरी:
प्रथम बार ढाका नगर परिषद स्थित एक ज्वेलरी दुकान में चोरों ने चोरी की जिसमें नाइट गार्ड को बंधक बनाकर वारदात को अंजाम दिया, इस घटना से हौसला पाकर लुटेरों ने सरे शाम एक बड़े व्यवसाई मोहम्मद शमीम की दुकान पर पिस्टल के बल पर चार लाख की लूट को अंजाम दिया, तीसरी बार चोर ने फिर से एक ज्वेलरी शॉप को निशाना बनाया और चौथी बार 6 जनवरी 2023 को एक ज्वेलरी शॉप में चोरी की घटना हुई। इन सब घटनाओं को देखते हुए ढाका विधायक पवन जायसवाल ने सिकरहना एसडीओ एवं डीएसपी व थाना प्रभारी को हिदायत भी दिया, लेकिन फिर दो दिन बाद ही आज़ाद चौक स्थित नुर आलम अंसारी की आरजू बैट्री नामी दुकान से लुटेरों ने लाखों की चोरी को अंजाम दिया।
यह सभी चोरी की घटनाएं मात्र दो महीने के दरम्यान में हुई हैं। बार बार ढाका के व्यवसाई प्रशासन से गुहार लगा रहे हैं कि लुटेरे का सुराग लगाएं, कई दिन व्यवसायियों ने दहशत के मारे दुकान बंद करके रखा और प्रदर्शन भी किया लेकिन प्रशासनिक कार्रवाई अब तक शून्य है।
विदित हो कि ढाका आज़ाद चौक से पिस्टल के दम पर की गई 4 लाख की चोरी में पुलिस को चोर का मुकम्मल सबूत मिल चुका है, इस चोरी में शामिल सभी चोरों की पहचान भी हो चुकी है, चोरी में संलिप्त लाइनर भी पुलिस की हिरासत में आया लेकिन अब तक पुलिस एक भी मेन लुटेरा को पकड़ने में नाकाम है। और न ही शिनाख्त हुए किसी चोर के विरुद्ध प्रशासन ने कुर्की वारंट जारी किया है।
इन सभी मामलों से पता चलता है कि पुलिस कितनी उदासीनता के शिकार हैं और साथ ही ढाका के व्यवसायियों में कितनी दहशत है। धागा का हर छोटा बड़ा दुकानदार डरा सहमा हुआ है कि पता नहीं कल किसकी दुकान लूट जाए। प्रशासन पर प्रश्न यह उठता है कि जब बाजार में विभिन्न जगहों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं जिसकी मॉनिटरिंग ढाका थाना के जरिए की जाती है वह सीसीटीवी कैमरे बंद कैसे हो जाते हैं?